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Saturday, March 18, 2017

पत्र: ११ १८ मार्च २०१७)

पत्र: ११ (१८ मार्च २०१७)

देश में मोदी प्रदेश में योगी 


पत्र श्रृंखला के आज के अंक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को पत्र,


अभी कल ही मैंने एक पत्र लिखा था, जो की यौन उत्पीड़न पर एक खुला पत्र था। आज मैं उत्तर प्रदेश के भावी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नाम एक पत्र लिख रहा हूँ। योगी जी आपको प्रणाम एवं आपको बहुत बहुत बधाई!

ये जीत विकास के नाम पर या यूँ कहें कि मोदी जी के नाम पर मिली है, मैं अपना मताधिकार का प्रयोग नही करना चाहता था परन्तु मैंने संविधान द्वारा दिए गए इस अधिकार का प्रयोग किया। ये लहर २०१४ जैसी मोदी जी की लहर थी जो प्रतिनिधि को दरकिनार कर लोगो ने मत दिए।

मैंने गोरखपुर में अपने जीवन के आठ साल गुजारे है, अपने शिक्षा के अहम् आठ साल। ख़ुशी होती है कि एक ऐसे पवित्र शहर से जुड़ा हुआ हूँ, जिसमे सभी धर्म के लोग धार्मिक-सद्भाव से रहते है। आज क्योंकि आप प्रदेश के मुख्यमंत्री बन रहे है, इसलिए हम पूर्वांचलियों के लिए बहुत सारे सपने सच होंगे ऐसा प्रतीत हो रहा है। पूर्वांचल के विकास में जो काम माननीय वीर बहादुर सिंह जी ने किया था, उसे अब जाकर गति मिलेगा वरना भूतपूर्व मुख्यमंत्री गण केवल चुनावी प्रक्रिया के लिए पूर्वांचल का दर्शन करते थे, विकास के लिए नही।

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१९९८ से आप गोरखपुर से सांसद रहे है और गोरखपुर के लिए कई अभूतपूर्व विकास कार्य करवाये, और आशा है कि अब बाबा गोरखनाथ की कर्मभूमि गोरखपुर में तरक्की का मार्ग प्रशस्त होगा। कुछ कार्य का यहाँ जिक्र करना चाहूँगा, जो जनता के बीच चर्चित है:-

  • गोरखनाथ अस्पताल का स्थापना
  • मेडिकल कॉलेज का मान्यता यथावत रखना
  • जापान इंसेफेलाइटिस के लिए मेडिकल कॉलेज में अलग से वार्ड की स्थापना
  • गैस सिलिंडर भरने के लिए संयंत्र का स्थापना
  • एम्स की स्थापना
  • खाद कारखाना का पुर्नजन्म

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अब मैं चाहूँगा कि आप पूर्वांचल की आर्थिक दशा को और मजबूत करें जिससे कि यहाँ से मजदूर और पेशेवर/इंजीनियर इत्यादि का पलायन रुके और यहाँ का विकास हो।

  • वीडा और गीडा में उद्योगों की स्थापना, 
  • गोरखपुर में आईटी पार्क, 
  • कुशीनगर में विश्स्तरीय एयरपोर्ट की अविलम्ब शुरुआत, 
  • चीनी मिलों का पुर्नउद्धार, 
  • बाढ़ से बचने के लिए क्षेत्र में नदियों, नहरों और बाँधो की मरम्मत, 
  • क्षेत्र में कोल्ड स्टोरेज स्थापना,
  • गोरखपुर के दोनों विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा,
  • गोरखपुर से शहरीय/अंतर्राज्यीय परिवहन की दुरुस्त व्यवस्था
  • गोरखपुर में जंक्शन के अलावा एक और विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन,
  • चौरी-चौरा शहीद स्मारक को एक पर्यटक स्थल के रूप में विकास,
  • राज्य में स्थित धार्मिक स्थलों तक यातायात की दुरुस्त व्यवस्था,
जो विकास आजादी के ७० सालों में नही हुए वो आने वाले कुछ सालों में प्रशस्त हो, इन्ही शब्दो के साथ आपके आशीर्वाद के लिए शुभेक्क्षु, राजेश्वर। 


शेष फिर,
पत्र: ११  
राजेश्वर सिंह
नई दिल्ली, भारत
#rajeshwarsh

Friday, March 17, 2017

पत्र: १० (१७ मार्च २०१७)

पत्र: १० (१७ मार्च २०१७)

ये पत्र सभी के लिए है,


पिछले कुछ दिनों से एक समाचार चर्चा में है, कि एक संस्था का मुख्य कार्यकारी अधिकारी अपने कनिष्ठ कर्मचारियों से अश्लील टिप्पणी और छेड़खानी करता है। इस पत्र के लिखने का मुख्य मकसद ये है कि लोग उन दो पहलुओं की तरफ भी देखे जबकि लोग केवल एक पहलू से जुड़े हुए है।

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भँवरी देवी बलात्कार कांड ने इस देश के संविधान में महिला यौन उत्पीड़न करने पर एक कठोर सजा का प्रावधान कराया। राजस्थान की राजधानी जयपुर से पचास किलोमीटर दूर ग्रामीण आँचल में अनपढ़ और पिछड़ी जाति से ताल्लुक रखने वाली भँवरी का बलात्कार उसके गाँव के ही उच्च जाति के पाँच लोगो ने किया था। आज पचपन साल की हो चुकी भँवरी देवी साथ घिनौना कृत्य हुए लगभग २५ साल हो चुके है। परन्तु आज तक इस मामले में जयपुर उच्च न्यायालय में केवल एक बार सुनवाई हुई है और कथित पांच आरोपियों में से दो की मौत भी हो चुकी है।

आप इस अदालती मामले के बारे में बीबीसी पर जरूर पढ़िए जिसमे निचली अदालत के द्वारा दिए गए बेतुके और बेबुनियाद कारण एक महिला को हतोत्साहित करते है।

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आज से छः साल पहले एक और भँवरी कांड हुआ था वो भी राजस्थान में ही हुआ था। जिसमे आशा (नर्स/ए एन एम्) भँवरी देवी प्रदेश के कई राजनीतिक नेताओ को अपने मोहपाश में फसाकर, आपत्तिजनक अवस्था में सीडी बना ली थी और उनको करोड़ो के लिए ब्लैकमेल कर रही थी। आख़िरकार उसकी हत्या कर दी गई और सीबीआई इस मामले की जाँच कर रही है।

चर्चा में चल रहे यौन उत्पीड़न की बात करूँ तो इस मामले में दो नही तीन पहलू बनते है, पहला वो सीईओ सही में बेहूदा हरकते करता है, दूसरा एक देश के टॉप टेन स्टार्टअप में से एक होने के कारण वहाँ आपको काम ना मिल रहा हो और तीसरा कि कहीं वो कंपनी खुद अपने प्रचार के लिए ऐसे बेहूदे हथकंडे अपना रही हो।

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पहले पहलु पर चर्चा करूँ तो यहाँ ये बताना बेहतर होगा कि मर्द जाति में कुछ ऐसे होते है जो नारी जाति को देखकर लार टपकाने लगते है। अपने बल, हठ, धन इत्यादि के दम पर एक नारी को भोगविलास की वस्तु समझते है और ऐसे कुकर्म करने का प्रयत्न करते हैं। भँवरी देवी के साथ साथ आपको ऐसे कई उदाहरण मिल जाएंगे जो ऐसे पहलुओं की एक बानगी पेश करते है जैसे साढ़े चार साल पहले हुआ निर्भया कांड, डेढ़ साल पहले गुरुग्राम के एक संस्था में एक शोध छात्रा के साथ देश के नामी गिरामी निदेशक का उत्पीड़न, विशेष पंथ के एक धर्म गुरु के कृत्य, कुछ महीने पहले उत्तर प्रदेश के सड़क पर हुआ सामूहिक दुष्कर्म, या कुछ दिनों पहले हुआ कुकर्म जिसमे उत्तर प्रदेश के एक पूर्व मंत्री की गिरफ़्तारी हुई। ऐसे मामले मीडिया में बहुत चर्चित होते हैं परन्तु इस कलयुग में किसी पर आरोप सिद्ध कर पाना बहुत मुश्किल है, कुछ मामलों में ही सजा मुकर्रर हो पाती है जैसे आज से तेरह साल पहले धनंजय चटर्जी को फाँसी दी गई अठारह साल की लड़की के साथ बलात्कार और हत्या के जुर्म में, वो भी कुकर्म करने के चौदह साल बाद। ऐसे में कइयों को लगता है कि इस देश में कुछ भी कर लो, कानून कुछ नही करेगा, टरकाने के सिवा।

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अब बात करता हूँ दूसरे पहलू की, जहाँ दफ़्तर में काम कर रहे मर्द और औरत के बीच मर्ज़ी (सहमति) से बना हर संबंध, चाहे वो दोस्ताना हो या फिर 'सेक्शुअल', वो उत्पीड़न नहीं है। सहमति से किया मज़ाक, तारीफ़ या उसमें इस्तेमाल की गई 'सेक्शुअल' भाषा में कोई परेशानी नहीं है। किसी से कस कर हाथ मिलाना, कंधे पर हाथ रख देना, बधाई देते हुए गले लगाना, दफ़्तर के बाहर चाय-कॉफ़ी या शराब पीना, ये सब अगर सहमति से हो तो इसमें ग़लत कुछ भी नहीं है। परन्तु यही आपसी सहमति जब फायदेमंद नही होती तो अपने फायदे और दूसरे के नुकसान के लिए आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल पड़ता है वैसे आरोप-प्रत्यारोप से पहले मामले को रफा-दफ़ा करने के लिये नेगोशिएशन्स होते है। इस मामले में अधिकतर पुरुष जाति प्रताड़ित होती है। इस प्रताड़ना से शायद ही कोई उबर पाता है।

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तीसरा पहलू की बात करें तो कई कंपनिया अपने किसी प्रोडक्ट के प्रचार के लिए ऐसे उल-फजूल के खबरें निकालते है। और अगर उसी ढर्रे पर ये भी कंपनी चल रही है तो ऐसा इसलिए क्योंकि इनके कई कंपटीटर मार्केट में आ गए है, और वो भी बेहतर मनोरंजन करा रहे है। 

अब इस मामले के पीछे क्या सच्चाई है, वो तो आने वाला वक्त बतायेगा। 

इस पत्र को लिखने का खास मकसद यही है कि आप हर एक पहलू को देखकर किसी के बारे में कोई विचार बनाए, क्योंकि ये कलयुग है। यहाँ सबको ज्ञान देने वाले खुद अज्ञानी होते है और एक फ़कीर बहुत कुछ बता जाता है।

इस पत्र पर अपने टिप्पणी (कमेंट) जरूर दीजिये और एन्जॉय कीजिए शॉपिंग इस ब्लॉग से करके,

शेष फिर,
पत्र: १० 
राजेश्वर सिंह
नई दिल्ली, भारत
#rajeshwarsh

Wednesday, February 22, 2017

पत्र: ७ (२२ फरवरी २०१७)


पत्र: ७ (२२ फरवरी २०१७) 

पत्र माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को


माननीय प्रधानमंत्री जी, 
सादर प्रणाम! 

आशा है आप सकुशल होंगे और कई सारे समस्याओं से जूझ रहे अपने देश भारत को तरक्की के राह पर प्रशस्त करने की कोशिश रहे होंगे। इस पत्र के माध्यम से मैं एक ऐसे मामले को आपके संज्ञान में लाने की कोशिश कर रहा हूँ जिससे, मेरे जैसे इस देश के दूर-दराज इलाकों (ग्रामीण परिवेश) में रहने वाले आम नागरिक हर दिन दो चार हो रहे होंगे। 

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पिछले साल के ८ नवम्बर को आपने राष्ट्र के नाम सन्देश में रूपये ५०० और रूपये १००० के नोटों को आधिकारिक तौर पर गैरकानूनी घोषित कर दिया। इस विमुद्रीकरण के कारण देश को एक साफ़-सुथरी और नया विचार मिला, जो समाज में फैले कुरीतियों को मिटाने में कई रूप से सहायक है और आने वाले दिनों में होगा। माननीय राजाराम मोहन राय द्वारा १८६२ ईसवी में सती-प्रथा उन्मूलन के लिए बनवाये गए कानून से अब समाज में उस समय फैली सती-प्रथा जैसी कुरीति से समाज को छुटकारा मिल चुका है। 

कुछ दिनों पहले मैं एक पेट्रोल पंप पर मोटर-साइकिल में पेट्रोल डलवाने गया, वहाँ पेट्रोल भरने वाले व्यक्ति से मैंने पूछा, “POS मशीन है?” 
“मतलब”, पेट्रोल पंप पर तेल भर रहा व्यक्ति बोला। 
“मतलब, एटीएम कार्ड से पेमेंट हो जाएगा?”, फिर मैंने पूछा। 
“नही है”, उसने बोला। 
“नेटबैंकिंग, भीम एप्प, मोबी क्विक, पेटीएम्”, मैंने फिर पूछा। 
“कुछ नही है भैया”, उसने बोला। 
“कब तक लगेगा?”, मैंने पूछा। 
“कभी नही”, उसने बोला। 
“ऐसा क्यों, सरकार तो बोल रही है कैशलेस होने को, फिर आप क्यों नही इसका फ़ायदा उठा रहे”, मैंने कहा। 
“जो भी हो, मालिक (पेट्रोल पंप) बोल रहे है कि नही लगेगा कोई ऐसा सिस्टम”, उसने बोला। 

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फिर मैंने जेब में बचे १०० रूपये का पेट्रोल डलवाया और निकल लिया। इस घटना को हुए लगभग ६५ दिन हो चुके है फिर भी आज तक इन पेट्रोल पंप पर POS मशीन नही लगी है। 

मैंने एक स्टार्टअप कम्पनी शुरू की है, जो सोलर एनर्जी सेक्टर में काम करती है और कुछ दिन पहले इसी व्यवसाय के सिलसिले अपने पैतृक गाँव फिर आया। इस बार मुझे लगभग हर रोज पेट्रोल डलवाना होता है, परन्तु इस क्षेत्र के सभी पेट्रोल पंप पर POS मशीन के बारे में पूछने पर सब इसके बारे में मना करते है और सबका एक ही उत्तर होता है, “नही लगेगा” । 

अब मैं बैंक जाकर पैसा निकालूं कि गाड़ी में पेट्रोल भरवा सकूँ, आखिर कब तक ऐसा रहेगा? जबकि ग्रामीण इलाकों के बैंको में अभी भी मुद्रा (कैश) की दिक्कत है, कैश निकालने में अभी भी परेशानी हो रही है । 

ग्रामीण परिवेश ऐसे सुविधाओं से कब तक विमुक्त रहेगा? कैशलेस व्यवस्था का हम सभी स्वागत करते है परन्तु कुछ लोगो के वजह से ये सुविधा एक दुविधा लग रही है । 

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मैं इस पत्र को लिखने से पहले कई ट्वीट करके सम्बंधित पेट्रोलियम कंपनी और पेट्रोलियम मंत्री माननीय धर्मेन्द्र प्रधान जी को अवगत करा चुका हूँ, परन्तु इस मामले में अभी तक कोई अनुरूप फल देखने को नही मिला है। मेरा ट्वीटर हैंडल है rajeshwarsh. 

इस पत्र को अपने ब्लॉग पोस्ट के साथ साथ मैं आपके प्रत्येक महीने के रेडियो कार्यक्रम “मन की बात” के लिए भी प्रेषित कर रहा हूँ। मुझे ख़ुशी होगी, अगर इस पत्र को आप अपने रेडियो कार्यक्रम में सम्मिलित करें और भारतीय जनता के साथ साथ धनाढ्य को कैशलेस होने के लिए प्रेरित करें। 

शेष फिर....... 

पत्र: ७ 
राजेश्वर सिंह (#rajeshwarsh) 
कुशीनगर, भारत

Wednesday, July 13, 2011

मेरे सबसे अच्छे दोस्त के लिए

Hi I am Rajeshwar Singh from Srinagar, Jammu & Kashmir, INDIA.........



मेरे अजीज दोस्त के लिए, 
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाये

मम्मी की दुलारी, पापा की लाडली
भाई की सुहानी, बहनों की निराली
कुछ पहचानी, थोड़ी सी अन्जानी
मेरे सबसे अच्छी दोस्त, सबसे प्यारी

याद आती है आज भी वो एक्जाम के दिन
पढना साथ में, करना शेयर हर एक नोट्स
ना समझ में आने पर समझना और समझाना
कोई टॉपिक भूल जाने पर वो लाइब्रेरी में चिल्लाना


जग को जीत लेगी वो, खुद के बल पर
पर रखना होगा विश्वास खुद पर
सब्र करना होगा कुछ और पल
जब तक ना पाए अपना शिखर  

ज़न्मदिन की हार्दिक शुभकामनाये स्वेता

मेरे सबसे अच्छे दोस्त के लिए,
By:-
राजेश्वर सिंह 'राज़्श'

Thursday, July 7, 2011

You 'Mine Words'

Hi, I am Rajeshwar Singh from Srinagar, Jammu & Kashmir, INDIA.........

There are motive/s behind any writings, here a motive too. To express some dreamy nights to nightmare. I love me most & like to do things which I like, so I am following myself.............

'RED ROSES for You' 

I thank to two person, your parents, 
Who are God & Goddess for you.
I like to love those person.
Who are known as family for you.


I feel proud on your two shiny eyes.
Who resembles my presence in your life.
I like to listen your sweet voice.
Who disappear all sadness from my life.

Ruby hair extend the love on my face.
Whenever I sleep in your lap.
Some Juicy drop realizes me in heaven.
When falls on my lip from your lovely lips.

'RED ROSE for You' 

I feel the peak of softness.
When I hold your victorious hands.
I feel your heartbeat through blood.
Which flows at its fast in your vain. 

My heart got in trouble.
When it meets with yours. 
God provides me fragrance of scents.
When my breathe melts with yours.

Nature gives more rejoice.
When you are there with me.
I demand all happiness in our life.
Because a beauty like you is always with me.


You 'Mine Words'
By:
Rajeshwar Singh 'RazsH'

Friday, July 1, 2011

Happy B'th Day to me.....

Hi I am Rajeshwar Singh from New Delhi, INDIA......... 


मैं अपना २२वां ज़न्मदिन, २१वें ज़न्मदिन की भांति ट्रेन के सीट पर बैठे हुए अकेले मन रहा हूँ, ट्रेन की पटरियां खटर-पटर कर रही है.......... पिछली बार तो मै मुंबई जा रहा था, दीदी, जीजा साथ में थें पर इस दिन कोई नही है साथ में, बस अकेले बहुत कुछ सोचते हुए, विचारते हुए, ट्रेन की गति के साथ लगातार आगे चाल रहा हूँ, बढ़ रहा हूँ..........


मैं कौन हूँ, 
ये बहुत ही अद्भुत प्रश्न है किसी के लिए
बहुत कठिन है मेरे लिए
कई दृष्टिकोणों से बहुत अलग हूँ मैं
क्यूंकि यही खास है मुझ जैसे के लिए
परिवार का होनहार बेटा 
घर में बड़ों का सबसे लाडला
पापा का प्यारा, माँ का सबसे दुलारा
उनके आँखों का सुनहरा तारा
दोस्तों का साथी यारों का यार
मै राजेश्वर, अपनों का राजेश्वर
कुछ को परेशान करने में माहिर
दोस्तों के गम में रहता हूँ हाज़िर
ना कर पाता हूँ खुद कें मनोभावो को ज़ाहिर
इसलिए कुछ लोग समझते है मुझको काहिर
पर जो भी समझे दुसरे मुझे
पर खुद में हूँ मैं अव्वल नंबर
दोस्तों का साथी यारों का यार
मै राजेश्वर, अपनों का राजेश्वर

मै राजेश्वर, अपनों का राजेश्वर

Some expectations, hope from some-few, hurt me. But I don't bother on those who doesn't care me. I am happy because I have those who are in my life with me. Some new things happen, which I never dreamed. I am changing some-thing in me & it will reflects in my character. Either it may hurt a few or not. Its doesn't matter to me. Because I love my self most & it suits to change myself.
 
 

Wednesday, March 30, 2011

देखा तुझे मै

Hi I am Rajeshwar Singh from Hyderabad INDIA.........

Date & Time: 30th March'11, 6:51PM
I am happy to write this idiotic emotions:


देखा तुझे मै जब कभी भी
चेहरा कि लाली य़ू बढ़ गयी
पीकर तेरे आँखों की शोहबत 
ये दिल बिन पीये, नशीली हो गयी
जब भी तुमसे प्यार किया मै
सारे गम पल भर में मिट गए
किस्मत का लिखा ना कोई जाने
कल थे पराये, आज हम इक हो गये
सबकी आँखों में आँखे दिखने लगी
कुछ यूँ तुम्हारी इबादत हो गयी
यादों के पहलु में तुम कुछ ऐसे बैठे
और किसी की फिकर ना रह गयी
देखा तुझे मै जब भी कहीं भी
चेहरा कि लाली य़ू बढ़ गयी
यादों को सिरहाने लेकर बैठा था मै
जब तुम मिले थे मुझसे उस कोने में 
हाथो में हाथ अब आ गये है 
बाकी मंजिल भी य़ू ही मिल जाएगी
तेरा साथ जो मिल गया है
बाकी मंजिल भी मुझे मिल जाएगी

'देखा तुझे मै'
By: राजेश्वर सिंह 'राज़्श'

Friday, November 26, 2010

"इलज़ाम मुझ पर"

Hi I am Rajeshwar Singh From Gorakhpur INDIA.........

Date: 23rd May'10
Time: 2:35 PM

मुझ पर है सैकड़ो इलज़ाम 
मेरे साथ ना चला करो
होने लगेगी तुम पर भी छीटाकशी 
बढ़ जाएगी इल्जामो की गिनती
कर बैठूँगा कुछ मै उन लोगो से
जो करेंगे छीटाकशी तुम पर
हम रहे अकेले तन्हा अभी सही है
पर बातें य़ू ही करते रहेंगे
जब भी चलना अकेले कहीं पर
महसूस करना मुझको अपने पास
हाथ मेरा है तुम्हारे हाथ में
साथ मेरा है तुम्हारे साथ
मै हूँ हर पर पल तुम्हारे पास तुम्हारे साथ. 

इलज़ाम मुझ पर--
राजेश्वर सिंह 'राज्श'

"तुम्हारी यादें"

Hi I am Rajeshwar Singh From Gorakhpur INDIA.........
स्थान- लखनऊ
दिनांक- २३ अक्टूबर'10
समय- १:३० रात

यादें बनकर उभरती है
तुम्हारे माथे की खुबसूरत लटें
मुस्कुराने पर इक चाहत सी जगाती है
चेहरे की वो कातिलाना मुस्कुराहटें
तन्हा बैठने पर याद आती है
लब वो तुम्हारे, मैगी खाते फ्रूटी पीते
जब भी मेरे ये आँखें झपकती है
ख्याल आता है वो मासूम पलकें
अनुभव मुझको, अपनेपन का कराती है
वो काज़ल वाली तुम्हारी आखें
ज़ेहन में इक जादू सा चलती है
वो धक्-धक् करती तुम्हारी सांसें
सारे दुःख-दर्द मिट जाती है
जब हो जाती है बातें तुमसे 
हमारा साथ इस दुनिया को ये सिखाती
मुझमे-तुझमे है अपनापन, चाहे हो जितने लड़ाई-झगडे
तर्क-वितर्क हम-तुम में होती ही रहती है
इक-दूजे के और करीब लाती है हमारी बातें

तुम्हारी यादें--
राजेश्वर सिंह 'राज्श'

Saturday, September 11, 2010

The India

Hi I am Rajeshwar Singh From New Delhi, INDIA.........








This video shows- "if we have to live in a developed country then every citizen should have to be part of the development, changes.... These Politicians just sit in another vehicle & move out from the problem (as in this clip)".

"To be citizen of Develop India start Developing".

Thursday, September 2, 2010

Saturday, April 17, 2010

FAREWELL “a LOVING Party by juniors to us”

FAREWELL "a LOVING Party by juniors to us"

Dedicated to ECEian'10 & ECEian'11 of Institute of Technology & Management GIDA, Gorakhpur

Previously I posted a blog in respect to my lovely seniors, that moment was a happiest moment of our life both of us juniors & seniors and that moment also gave us to come closure to one-another. That moment was 4th April'09 at Bittu Marriage Hall, Rapti Nagar, Gorakhpur.

The ECEian'09 of ITM. 

For us 2006-10 batch ECEians of ITM this moment was 4th April'10 a co-incidence happen in the ECEians life, we gave respect to our seniors same date one year earlier we were respecting by our lovely juniors.

Now coming to the Party moment, firstly I want to mention some moment happened days before the party.

They (Juniors) invited us on 2nd April'10 to come to party at Bittu Marriage Hall, Rapti Nagar, Gorakhpur enjoy some moments with the friends as well as juniors, in class & also personally to all the final year ECEians. They asked us to reach at time 2:30 PM.

The invitation card for us & for faculties was looks as:

For Faculties 

For we people.
The option to wear for boys was suit, sherwani or formal & for girls Saree. Lastly the day came & we reach at the place at 3:00 PM, as me & Sagun entered in the hall, there was juniors gave us respect and ask to sit & take some snaps with juniors in different styles.

Here I want to give some snaps of entrance of the buddies in the Hall & respect from the lovely juniors:



Now the moments happened in the Hall is as follows:

"Hey Gange tu.........".
"Tere sanso me mere dil ko panah mil jaye, Tere ishq me mera jaan Fannah ho jaye...........". 

Our Honourable HOD Dr. N. C. Sarkar Sir started the program by a song "Hey Gange tu........."gave his wishes to us for our bright future. 

Then Mr. Y. G. Singh Sir wishes for our happy future, & on the request He spoke a dialogue "Tere sanso me mere dil ko panah mil jaye, Tere ishq me mera jaan Fannah ho jaye...........". I asked him that for whom he gave these words. Due to presence of HOD sir he replied that for his wife (No existence till date). 

Then HOD sir move out from the hall due to his time schedule & our enjoyment start with dance on DJ.

Mr. Shaurabh Paliwal Sir, Mr. Shailendra Maurya Sir & Mr. Himanshu Singh Sir were also present in the party to make the party intensive & joyfulness. 

Mr. Shailendra Maurya Sir, Mr. Himanshu Singh Sir, Mr. Shaurabh Paliwal Sir & Mr. Yatindra Gaurav Singh Sir

Juniors planned games for us they decide pairs of buddies to dance, ramp walk, questions......
The pairs were:
Neeraj Anand & Akanksha Dubey.
Ankur Sri. & Kamana Sri.
Naveen Kumar & Anjali.
Ankit Gupta & Divya Tiwari.
Ankit Sri. & Shalini Singh.
Ankit Sri. & Anshika Sri.
Ashutosh Pandey & Shivani Pandey.
Shahul Sarraf & Shikha Sri.
Nitesh Mishra & Kirti Nirupama.
Rajeshwar Singh & Kavita Nayak.
Pragyan Mishra & Sweta Pandey.
Sagun Sri. & Shraddha Sri.
Sirish Rao & Artika Dubey.
Abhishek Jaiswal & Aditi Bhadra .
Kanhaiya Yadav & Manisha Gupta.
Amit Gupta & Anupama Gupta.
Neeraj Yadav & Neha Sri.
Wearing Saree: 
Ankur Srivastava
Shahul Sarraf
Ankit Srivastava 

The memorable moments were— 
Dance on DJ with buddies........
Ramp walk on stage........
Comments during questions...........
Photos & videos shooting with buddies & juniors..........
Virendra & Shalini's talk on stage................
Slogans for us during the gift presentation............
Rajeshwar's poem on College life...............
Sagun & Sirish's couple dance.............
Santosh's mimicry on Nana Patekar & other Bollywood actors...........
Kanhaiya's mimicry on our lovely honourable faculties...............
Asking Neeraj to propose........
Asking Sweta to choose Bad men of Bollywood............
Ratan scolded YG sir for less marks..........
Kirti scolded Nitesh as........
Anshika scolded Ankit..........
Ankit's "Yeh TARA wo TARA... Har Tara......."
Nitesh's Dance.............
Shahul's Style of proposing............
Question to Rajeshwar about his BEBO??
Devesh & Ankur sung song........
Body Chapions.........
Ashutosh's face during ramp........
Meaning of love?? to............
The Most memorable moment was Clip time ......the life of ECEian'10 in college & outer side................emotional & funniest one for all guys....
Saurab Sir's words for missing us...........
YG Sir's words for missing us.........
Anchoring of Harsha Tripathi, Amit Shukla, Ratan Tripathi, Varun & others also sorry I can't get you guys name right now............. 
Some Snaps taken during the party:

Love You......
With KUKKAs. 

Ankur Sri. & Kamana Sri. announced as Mr. & Miss. Farewell of ECE'10 decided by juniors.

Everyone is just singing this lines in their mind & heart------
कब मिलेंगे ना जाने हम यारों फिर से सभी
लौट कर अब ना आयेगे वो मस्ती भरे दिन कभी
हो दिल ये अपना कहे की ऐ दोस्तों
i am really gonna miss this place
i am gonna miss my college dayz
याद है वो सारे लेक्चर
हमने जो बंक किये थे
प्रोक्सी का पकड़ा जाना
हो लफड़े क्या कम किये थे
मिलके लिखना वो एसाइनमेंट
और सबमिट करना लास्ट मिनट में
एक्जाम की वो तैयारी
वो लिखना वो तीन घंटे
और बाहर आके वो कहना
साला क्या बेकार पेपर सेट किया था यार
मिलता फर्स्ट क्लास कभी यहाँ
तो लगती थी बैक भी यही
लौट कर अब ना आयेंगे वो मस्ती भरे दिन कभी
हो दिल ये अपना कहे कि ऐ दोस्तों
i am really gonna miss this place
i am gonna miss my college days
याद आयेगे टीचर्स हमको दिल से हमेशा
याद आएगा ये कैम्पस और इसकी अपनी दुनिया
हो याद आएगा हमेशा ये आशियाँ
i am really gonna miss this place
i am gonna miss my college days 
Group Photo:-

Guys of ECE'10 of Institute of Technology & Management, GIDA, Gorakhpur 

Guys of ECE'10 & ECE'11 of Institute of Technology &Management, GIDA, Gorakhpur.

The program end at 9:30 PM. All the buddies as well as lovely juniors enjoyed each moment of the party & the was memorable moment of our life.

On behalf of as senior I thanks to all juniors i.e, ECEians'11 of ITM for organizing such a nice precious memorable party.

We wish for BRIGHT FUTURE of you all our lovely juniors, God may fulfill all your desires & Dreams comes true.

We Miss You all, all your wishes to us & enjoyment with all you.

With Love & Care:
All Buddies of ECEians'10