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Saturday, September 24, 2011

हमारा नाम

Hi I am Rajeshwar Singh from New Delhi INDIA.........



तेरे याद ने आज फिर से हँसा दिया,
क्यूंकि तुमने अपना नाम मेरे नाम से जोड़ लिया|
जब भी सोया मै तेरे जुल्फों की छाँव में,
हर इक सुबह की भोर को शाम बना दिया||
तेरे अल्फाजो का खनक कभी दूर जाता नही,
इस तरह तुमने आज फिर मेरा जाम भर दिया||
आँखों की ज़ंजीरो में कैद है आज भी वो पल,
जो समय, दिन, रात हमने साथ बिताया||
तू बनी रहती है बावरी मेरे सामने यूँ ही,
सारी पहर घडी को भी आज ठहरा दिया|
महफ़िलो की रंगीनियों में चमक और बढ़ गयीं,
जब तुमने मेरा नाम अपने नाम से जोड़ लिया||

हमारा नाम:-
By:
राजेश्वर सिंह "RazzU"

Thursday, August 25, 2011

Love

Hi I am Rajeshwar Singh from New Delhi INDIA.........



For love from love,
To love by love.
I pour all my feelings on you,
but scared about tomorrow.
I know you are always with me,
but I scared about your sorrows.
You are also aware about my love,
& emotions you feels mostly.
But how can I realize your feelings,
& how can I tell you my emotions.

Sunday, April 3, 2011

तुम किसके साथ थे?

Hi I am Rajeshwar Singh from Hyderabad, INDIA.........


Date & Time: 3rd April'11 at 7:15 PM


ये है सपना मेरा
जो मैंने आज देखा 
अपनी खुली आँखों से
काम के बोझ से दबा हूँ
पर वक़्त निकल जाता है
तुमको सोचने के लिए
सपने देखने के लिए

ये आज मेरा दिन ऐसे हुआ
जैसे मै तेरे साथ घूम रहा था
हैदराबाद की जाम वाले रास्तो में
तुम्हारी बातों को सुन रहा था
दोनों के हाथो में आइस-क्रीम था
इस गर्म मौसम में साथ था
और हम दोनों ही खुश थे
सामने देखा लाल-गुलाब तो
मै भी खुद को ना रोक पाया
ले लिया कुछ लाल-गुलाब तुरंत
याद करके पुराने दिनों को
जब मेरे पास होते थे गुलाब हरपल
तुमने पूछा- लिया किसके लिए
खुद के लिए, मैंने जवाब दिया
तुम थोडा सा इतराई
फिर जब ना तुमको दिया तो
गुस्सा होकर इधर-उधर देखने लगी
मै बस तुम्हे जला रहा था
तुम भी ये जान रही थी
तुम यूँ ही साथ चलती रही 
मै ख़ामोशी से बातें सुनता रहा
कुछ पल साथ चलते हुए 
इक-दुसरे को टीज़ करते हुए
सामने आया पिज्जा-हट
फिर वह इक सीट पर बैठ गये
तुम थी सामने, मै था सामने
पिज्जा हट का पिज्जा था
और साथ में कॉकटेल भी
इक गुलाब लेकर लबो में
मैंने तुमसे वो पूछ ही लिया
जो मैंने ना पूछा ४ सालो में
क्या-तुम मेरा साथ दोगी?
क्या मेरी हमसफ़र बनोगी?
और तुम्हारे उत्तर आने से पहले ही
मै सपनो से जगा दिया गया
फिर ये सपनो की दुनिया....
मुझे मुस्कराहट दे गयी
पर इक प्रश्न छोड़ गयी
तुम किसके साथ थे??
तुम साथ किसके थे?? 




'तुम किसके साथ थे?'
By: राजेश्वर सिंह 'राज़्श'

Wednesday, March 30, 2011

देखा तुझे मै

Hi I am Rajeshwar Singh from Hyderabad INDIA.........

Date & Time: 30th March'11, 6:51PM
I am happy to write this idiotic emotions:


देखा तुझे मै जब कभी भी
चेहरा कि लाली य़ू बढ़ गयी
पीकर तेरे आँखों की शोहबत 
ये दिल बिन पीये, नशीली हो गयी
जब भी तुमसे प्यार किया मै
सारे गम पल भर में मिट गए
किस्मत का लिखा ना कोई जाने
कल थे पराये, आज हम इक हो गये
सबकी आँखों में आँखे दिखने लगी
कुछ यूँ तुम्हारी इबादत हो गयी
यादों के पहलु में तुम कुछ ऐसे बैठे
और किसी की फिकर ना रह गयी
देखा तुझे मै जब भी कहीं भी
चेहरा कि लाली य़ू बढ़ गयी
यादों को सिरहाने लेकर बैठा था मै
जब तुम मिले थे मुझसे उस कोने में 
हाथो में हाथ अब आ गये है 
बाकी मंजिल भी य़ू ही मिल जाएगी
तेरा साथ जो मिल गया है
बाकी मंजिल भी मुझे मिल जाएगी

'देखा तुझे मै'
By: राजेश्वर सिंह 'राज़्श'

Tuesday, February 8, 2011

मंजिल

Hi I am Rajeshwar Singh from Hyderabad INDIA.........

Date: 18th Aug'10, 12:00 PM
Location: Gurgaon

तेरी आँखों में अपनापन है
यादों में बस तेरा ही ख्याल है
ज़ीने की चाहत होती है तेरे साथ में
होंगे हम साथ कुछ दिन में
जीयेंगे हम अपने जिंदगी को साथ में
पाएंगे खुशिया हम हर हाल में
मुस्कुराएंगे हम इक-दूजे के साथ में

हाथ होंगे  इक-दूजे के हाथ में
हमारे साँसों में इक ही खुशबु होगी
आँखों में य़ू ही अपनापन होगा

अपलक देखने को जी करता है
साथ टहलने को जी करता है
इस पल इक-दूजे से दूर सही
अपनी मंजिल है साथ में ही
जीना है जिंदगी कुछ औरो के लिए भी
वो लोग भी अपने ही है
उनके जीवन स्तर को सुधारना है
तुम य़ू ही हर पल मुस्कुराते रहो
मेरे खुशियों को य़ू ही बढ़ाते रहो
पाए हम अपने खुशियों को
पाए हम अपने मंजिल को
य़ू ही रहे ब्यूटी बरकरार
बनी रहे बेबी की मुस्कान
हम सब पाए अपनी मंजिल
साथ चले जिंदगी का कारवां


मंजिल
By: राजेश्वर सिंह 'राज्श '

Saturday, December 18, 2010

जिंदगी में तुम "Stupidiotic Creation for Beautiful one"

Hi I am Rajeshwar Singh from New Delhi, INDIA.........
Date & Time: 18th Dec'10, 04:13 PM
Place: New Delhi

याद आया आज वो तुम्हारे होठ फिर
कुछ ऐसा हुआ था मेरे साथ
मै लपका उस दुकान पर 
सामने था बोतल फ्रूटी का
मैंने पिए फ्रूटी इस ठंडी के मौसम में
नाक दे गया जबाब मुझे
फिर याद आया तुम्हारे दुपट्टे का
निकाल लिया रुमाल जेब से
नाक पर रुमाल या रुमाल पर नाक
मै रगड़ने लगा, नाक पोछने लगा 
फिर याद आया तुम्हारे नैनों के काजल
जो कभी लगाते थे हमारे माथे पर
तुम्हारे हाथो के नरमी को महसूस करते हुए
मै सपनो की दुनिया में खोने लगा
फिर बजा मेरे मोबाइल का टोन
"दिल से रे दिल से रे...............
.....दिल तो आखिर दिल है ना पिया ओ पिया"
देखा तो कस्टमर केयर का कॉल था
फिर देखने लगा पुराने मेसेज को
जो भेजे थे मैंने परसों रात को
उंगलिया कुछ ऐसे चलने लगी की-पेड पर
हो गया डायल तुम्हारा नंबर
जब दिल की बाते हो गयी तुमसे
सब दर्द मिट गया, मै खुश हो गया 
और ऐसे ही रहेंगे हम ऐसा दिल का अरमान है
अब तो जिंदगी का दुःख-सुख तुम्हारे साथ है



जिंदगी में तुम "Stupidiotic Creation for Beautiful one"
By-
राजेश्वर सिंह 'RazsH'