Tuesday, December 28, 2010

मेरा मुस्कुराहट

Hi I am Rajeshwar Singh from New Delhi INDIA.........

Creation on: 21st May'10 1:00 AM at Gorakhpur

हम है कही तुम हो कही
जब भी देखता हूँ तुम्हारे तस्वीरो को
समेत लेता हू खुद को बीते हुए पलो में
यादें उन दिनों की, करती है बेबस मुस्कुराने को

चिल्लाना वो कैंटीन में कोल्ड-ड्रिंक्स पीने को
मैगी खाने को, समोसे लाने को
परेसान करना हमको फ्रूटी लाने को
समेत लेता हू खुद को उन प्यारे लम्हों में

वो देखना मेरा, तुम्हारे जुल्फों को
कमेन्ट करने पर देखना गुस्से में मुझको
कही नज़र ना लगे मुझे कही से
लगाना काज़ल मेरे माथे पर
अपने कजरारी आखो से
दिखाना थोडा गुस्सा
तो झल्काना कभी अपने प्यार को
बेबस करती है तुम्हारी यादे
इस stupid/idiot को मुस्कुराने को


मेरा मुस्कुराहट:
By
राजेश्वर सिंह 'राज़्श'

Sunday, December 26, 2010

For Shahul 'इक अपने लिए'

Hi I am Rajeshwar Singh from New Delhi, INDIA.........
Created on 26th Dec'10, 11:35 PM in New Delhi.


साहुल के लिए लिखने है कुछ पंक्तिया
जो इसके लिए अभी है ज़रूरी
कई दिनों से कहता था की लिखो मेरे बारे में भी कुछ
इसलिए अब मै करूँगा इसकी तमन्ना पूरी
इक लड़का दीवाना, हसीनायो के ज़ल्वो का
बीबी नज़र आती उसे हर राह चलती नारी
ये तो रही उसकी दिल की बाते
अब बताता हू उसके दिल की खूबी
है ये पढने में होनहार 
वीरवान है वो खेलने में
क्लास का एकमात्र खिलाडी
जिसने जीते मेडल कॉलेज में
कहता अपने दिल की बाते
जब हम होते लॉन में
अपने गलतियों में सुधर के लिए
लेता कसमे हमारे साथ मंदिर में
कॉलेज के पहले साल से हम
साथ बैठते इक ही बेंच पे
खाते साथ टिफिन चुराकर
खासकर दूसरी घंटी में
शगुन की टिफिन खाकर
उसे नाश्ता कराना ढाबे पे
ये लड़का बहुत अलग है सबसे
बात ना होती बिना गाली से
इक बाइक पे चार का बैठना
और जाना उस गली में
होली के त्यौहार पर करना
हुडदंग कॉलेज में और कैंटीन में
आई. टी. आई. में करना ट्रेनिंग
वो गेस्ट हाउस में, होस्टल में
मेरे बर्थडे पर केक काटना
देना टी-शर्ट तोहफे में
मेरे जिंदगी का वो खुबसूरत लम्हा
जो मिला था इस कमीने की वजह से
पी डी में देना मूवीज वो नयी-२
जो करता था डाउनलोड रात में
पीना सोफ्ट-ड्रिंक चंदा लगाकर
पुरे अप्रैल के महीने कैंटीन में
डांस वो करना इसका याद आता है
फेयरवेल, क्लास और फ्रेशेर में
टीचर्स के ऊपर झल्लाना
जब कम आते नंबर सेमेस्टर में
मेरे बचपने पर देना नसीहते
जो साथ देते थे मेरे कामो में
जानता था की ना दूंगा रूपये मै
फिर भी मांगना उधारी मुझसे
जो जाते थे पैसे शगुन के जेब से
वो चौथी घंटी के आखिर में
एक्जाम की रात बाते करना
वो भी उस लड़की के बारे में
चौथे साल में बहाने बनाना 
वो प्रोजेक्ट तैयार करने में
हॉस्टल से कॉलेज आना
हर दिन दूसरी घंटी में 
अब और क्या करू बुराई इसकी
पगला गया होगा ये इतने में
इक नसीहत जो मै देता हू तुम्हे यहाँ पर
कभी मत पड़ना किसी ग़लतफ़हमी में 
जो प्यार-अपनापन है हममे
उसे बनाये रहना पुरे जिंदगी में


For Shahul 'इक अपने लिए'
By-
राजेश्वर सिंह 'राज्श'

Merry Christmas!!!!!!!!!

Hi I am Rajeshwar Singh from New Delhi, INDIA.........


Monday, December 20, 2010

Missing u alot माँ

Hi I am Rajeshwar Singh from New Delhi INDIA.........


तुम्हारे आँचल की वो महक आज भी मेरे दिल में है
तेरे होठो के वो रस आज भी मेरे रगों में है
इस पल बहुत दूर हूँ तुमसे मै
जिंदगी की पगडंडियों पर चल रहा हूँ मै
मगर जी चाहता है कर लूँ आलिंगन तुम्हे आज फिर
सो जाऊ इक पल को तुम्हारे गोद में मै
याद आती है तुम्हारे वो माथे के पसीने
जो आते थे मुझको सुलाते हुए
आज कल जी में आता है कोई हो पास मेरे
इस भीड़ भरे दुनिया में मुझे सीने से लगा ले
कह दे बेटा तू डर मत, जी अपनी ज़िन्दगी
चंदा मामा के पास जायेगा तू अपने ज़हाज़ से
पायेगा तू खुशियाँ हर पल हर जगह

Love u-
आपका लाडला
Missing u alot माँ
By-
राजेश्वर सिंह 'RazsH'

Saturday, December 18, 2010

जिंदगी में तुम "Stupidiotic Creation for Beautiful one"

Hi I am Rajeshwar Singh from New Delhi, INDIA.........
Date & Time: 18th Dec'10, 04:13 PM
Place: New Delhi

याद आया आज वो तुम्हारे होठ फिर
कुछ ऐसा हुआ था मेरे साथ
मै लपका उस दुकान पर 
सामने था बोतल फ्रूटी का
मैंने पिए फ्रूटी इस ठंडी के मौसम में
नाक दे गया जबाब मुझे
फिर याद आया तुम्हारे दुपट्टे का
निकाल लिया रुमाल जेब से
नाक पर रुमाल या रुमाल पर नाक
मै रगड़ने लगा, नाक पोछने लगा 
फिर याद आया तुम्हारे नैनों के काजल
जो कभी लगाते थे हमारे माथे पर
तुम्हारे हाथो के नरमी को महसूस करते हुए
मै सपनो की दुनिया में खोने लगा
फिर बजा मेरे मोबाइल का टोन
"दिल से रे दिल से रे...............
.....दिल तो आखिर दिल है ना पिया ओ पिया"
देखा तो कस्टमर केयर का कॉल था
फिर देखने लगा पुराने मेसेज को
जो भेजे थे मैंने परसों रात को
उंगलिया कुछ ऐसे चलने लगी की-पेड पर
हो गया डायल तुम्हारा नंबर
जब दिल की बाते हो गयी तुमसे
सब दर्द मिट गया, मै खुश हो गया 
और ऐसे ही रहेंगे हम ऐसा दिल का अरमान है
अब तो जिंदगी का दुःख-सुख तुम्हारे साथ है



जिंदगी में तुम "Stupidiotic Creation for Beautiful one"
By-
राजेश्वर सिंह 'RazsH'