Monday, December 26, 2011

Friday, December 23, 2011

2011

Hi I am Rajeshwar Singh from New Delhi, INDIA.........


Wish, one day you will be with me!!

Sunday, December 18, 2011

Wordings Vs Feeling


Hi I am Rajeshwar Singh from New Delhi, INDIA........
Wordings Vs Feeling


Saturday, September 24, 2011

हमारा नाम

Hi I am Rajeshwar Singh from New Delhi INDIA.........



तेरे याद ने आज फिर से हँसा दिया,
क्यूंकि तुमने अपना नाम मेरे नाम से जोड़ लिया|
जब भी सोया मै तेरे जुल्फों की छाँव में,
हर इक सुबह की भोर को शाम बना दिया||
तेरे अल्फाजो का खनक कभी दूर जाता नही,
इस तरह तुमने आज फिर मेरा जाम भर दिया||
आँखों की ज़ंजीरो में कैद है आज भी वो पल,
जो समय, दिन, रात हमने साथ बिताया||
तू बनी रहती है बावरी मेरे सामने यूँ ही,
सारी पहर घडी को भी आज ठहरा दिया|
महफ़िलो की रंगीनियों में चमक और बढ़ गयीं,
जब तुमने मेरा नाम अपने नाम से जोड़ लिया||

हमारा नाम:-
By:
राजेश्वर सिंह "RazzU"

Monday, September 5, 2011

अध्यापक दिवस की हार्दिक शुभकामनाये

Hi I am Rajeshwar Singh From Gurgaon, Haryana, INDIA.........


मेरे जिंदगी के प्यारे, विनम्र, सुविचारी गुरुजन
अध्यापक दिवस कि हार्दिक शुभकामनाये,
मेरे दिल से आप सभी को नमन!
छूकर आप सभी के चरण कमल! 
आप ही थें जिन्होंने मुझे एस काबिल बनाया
आप ही हैं जो मुझे इस लायक बनाया
कि दुखी मन में मुस्कुरा सकूँ,
हताश होने पर भी लड़ सकूँ|
निराशा के समय भी पा सकूँ,
दुविधा के समय भी बढ़ सकूँ||



अध्यापक दिवस की हार्दिक शुभकामनाये,
मेरे दिल से आप सभी को नमन!
छूकर आप सभी के चरण कमल! 

अध्यापक दिवस की हार्दिक शुभकामनाये,
BY :
राजेश्वर सिंह

Thursday, August 25, 2011

Love

Hi I am Rajeshwar Singh from New Delhi INDIA.........



For love from love,
To love by love.
I pour all my feelings on you,
but scared about tomorrow.
I know you are always with me,
but I scared about your sorrows.
You are also aware about my love,
& emotions you feels mostly.
But how can I realize your feelings,
& how can I tell you my emotions.

इक और ग़ज़ल

Hi I am Rajeshwar Singh from, New Delhi, INDIA.........

After talking to a college friend:-



तुम्हारे लिए इक और ग़ज़ल
प्यार का असर, इक नया सफ़र,
जब भी ज़िक्र हुआ तुहारे नाम का
तो सबने यही कहा 'वो ही है हमसफर'

"पहले ओस की मानिंद बूंदों की ज़रूरत है
फिर भीगना है रिमझिम बारिश के फुहारों में
गर इतने में ना भीगे तन और मन अपना
तो नहाना होगा तेरे संग तेज बौछारों में"

Sunday, July 24, 2011

वादिया और एहसास

Hi, I am Rajeshwar Singh, Razu for friends, here with my love, from Srinagar, J&K, India:-

तुम्हारी याद आज मुझे फिर से हँसा गया
तुम्हारी याद में मै फिर से मुस्कुरा गया
यादों में फिर से डूब गया ये दिल
ये दिल फिर तुम पर य़ू ही छा गया

हवा के मानिंद झोके एहसास कराने लगे
जैसे गुजरा हो तुम्हारा दुपट्टा मेरे सामने से
यहाँ की वादियो की हरी भरी हरियाली 
मदहोश करने लगी तुम्हारे प्यारे यादों में 

मरने को जी करता है 
यहाँ की खुबसूरत हसीनाओ पर
पर क्या करूँ मै इस दिल का
जो पहले ही मर मिटा है तुम पर

हवा की सर्र सर्र आवाज़े ऐसी लगती है
जैसे अभी-२ राजू कहकर तुम गुज़री हो 
पलकों के झपकने पर दिल ढूंढ़ लाता है
खुबसूरत चेहरा, जैसे कोई गुलाब अभी-२ खिला हो

जब भी लुत्फ़ उठाता हूँ किसी खास व्यंजन का
तुम्हारे नरम-मुलायम हाथो का एहसास हो ही जाता है
जब भी घूमता हूँ किसी नए जगह पर
तुम्हारा प्यारा एहसास साथ हमेशा होता है

सोने ना देती है ये खुबसूरत वादिया
एहसास कराती है तुम्हारे साथ का
खोया रहता हूँ तुम्हारे इस बेहतरीन साथ में 
क्यूंकि ये एहसास ही मुझे खुश रखता है

वादिया और एहसास
By:
राजेश्वर सिंह 'राजू'

Sunday, July 17, 2011

For a friend by a friend

Hi I am Rajeshwar Singh from Srinagar, Jammu & Kashmir, INDIA.........

For a friend by a friend,

जिंदगी के सबसे हसीन मोड़ पर, 
तुमसे यूँ मुलाकात हुआ
हँसते-२ बीतने लगे ये दिन, 
कुछ ऐसा मुझे एहसास हुआ

मेरे दुखो में परेशान होने वाली
हर दुःख दर्द में साथ देने वाली
कॉलेज में बहुत सहमी-२ दिखने वाली 
पर आज है दुनिया से कदम मिलाने वाली

उलझनों में मुझे समझाने वाली 
खुरापात पर बोलने और झगड़ने वाली
पर खुद ही माफ़ी मांगने वाली 
गम में भी सबके साथ खुश रहने वाली 

कोई कुछ कहें ना कहें, या कुछ ना बोलें
पर मै ये बोलता हूँ कि वो बहुत प्यारी है
वो खुद के बारे में कुछ सोचे या ना सोचे 
पर मै ये कहता हूँ कि वो इक पगली है

ज़न्मदिन पर ये पंक्तिया मैंने लिखी है
ये पंक्तिया उसके लिए, मैंने उकेरी है 
पा जाए वो अपने शिखर को, 
यही मेरे दिल की तमन्ना है 

ज़न्मदिन की हार्दिक शुभकामनाये गरिमा
For a friend by a friend,
By:
राजेश्वर सिंह 'राज्श'

Thursday, July 14, 2011

आप जैसे अपने के लिए

Hi I am Rajeshwar Singh from Srinagar, Jammu & Kashmir, INDIA.........

In the sweet memories of close-one teacher, Pooja Tripathi Ma'am.............

मनमोहक आकृति अद्भुत कृति
लेखनी के लिए बन गयी है नीति
चेहरे पर मुस्कान, दिल में ख़ुशी
ऐसी ही हर पल बनी रहे आपकी हसी

जो ऐसे ही आप रहे मेरे जिंदगी में
इस दिल के सब शब्द आ जाये बाहर
आपका एहसास जो रहता है दिल के पास
कि मेरा ये दिल गुनगुनाता है बेशुमार

आपके ख़ुशी में मेरी ख़ुशी
क्यूकि आपसे जुडी है जज्बात मेरे
ज़मीन से फलक तक आपकी निशा
कि बस आपके लिए आते है लफ्ज़ मेरे

सूरज कि रंगीनिया भी कम पड़ जाये
आप के चेहरे कि तेज़ पर
सुरों कि रागिनिया भी धीमी पड़ जाये
आपके सुमधुर बोलो पर

चाँद की दुधिया रोशनी धुंध पढ़ जाये
आपकी  नम्रता वाले व्यवहार पर
नदियों की गहराई कम हो जाये
आपके आँखों के अपनेपन पर


आप जैसे अपने के लिए:
By:-
राजेश्वर सिंह 'राज़्श'

Wednesday, July 13, 2011

मेरे सबसे अच्छे दोस्त के लिए

Hi I am Rajeshwar Singh from Srinagar, Jammu & Kashmir, INDIA.........



मेरे अजीज दोस्त के लिए, 
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाये

मम्मी की दुलारी, पापा की लाडली
भाई की सुहानी, बहनों की निराली
कुछ पहचानी, थोड़ी सी अन्जानी
मेरे सबसे अच्छी दोस्त, सबसे प्यारी

याद आती है आज भी वो एक्जाम के दिन
पढना साथ में, करना शेयर हर एक नोट्स
ना समझ में आने पर समझना और समझाना
कोई टॉपिक भूल जाने पर वो लाइब्रेरी में चिल्लाना


जग को जीत लेगी वो, खुद के बल पर
पर रखना होगा विश्वास खुद पर
सब्र करना होगा कुछ और पल
जब तक ना पाए अपना शिखर  

ज़न्मदिन की हार्दिक शुभकामनाये स्वेता

मेरे सबसे अच्छे दोस्त के लिए,
By:-
राजेश्वर सिंह 'राज़्श'

Thursday, July 7, 2011

You 'Mine Words'

Hi, I am Rajeshwar Singh from Srinagar, Jammu & Kashmir, INDIA.........

There are motive/s behind any writings, here a motive too. To express some dreamy nights to nightmare. I love me most & like to do things which I like, so I am following myself.............

'RED ROSES for You' 

I thank to two person, your parents, 
Who are God & Goddess for you.
I like to love those person.
Who are known as family for you.


I feel proud on your two shiny eyes.
Who resembles my presence in your life.
I like to listen your sweet voice.
Who disappear all sadness from my life.

Ruby hair extend the love on my face.
Whenever I sleep in your lap.
Some Juicy drop realizes me in heaven.
When falls on my lip from your lovely lips.

'RED ROSE for You' 

I feel the peak of softness.
When I hold your victorious hands.
I feel your heartbeat through blood.
Which flows at its fast in your vain. 

My heart got in trouble.
When it meets with yours. 
God provides me fragrance of scents.
When my breathe melts with yours.

Nature gives more rejoice.
When you are there with me.
I demand all happiness in our life.
Because a beauty like you is always with me.


You 'Mine Words'
By:
Rajeshwar Singh 'RazsH'

Friday, July 1, 2011

Happy B'th Day to me.....

Hi I am Rajeshwar Singh from New Delhi, INDIA......... 


मैं अपना २२वां ज़न्मदिन, २१वें ज़न्मदिन की भांति ट्रेन के सीट पर बैठे हुए अकेले मन रहा हूँ, ट्रेन की पटरियां खटर-पटर कर रही है.......... पिछली बार तो मै मुंबई जा रहा था, दीदी, जीजा साथ में थें पर इस दिन कोई नही है साथ में, बस अकेले बहुत कुछ सोचते हुए, विचारते हुए, ट्रेन की गति के साथ लगातार आगे चाल रहा हूँ, बढ़ रहा हूँ..........


मैं कौन हूँ, 
ये बहुत ही अद्भुत प्रश्न है किसी के लिए
बहुत कठिन है मेरे लिए
कई दृष्टिकोणों से बहुत अलग हूँ मैं
क्यूंकि यही खास है मुझ जैसे के लिए
परिवार का होनहार बेटा 
घर में बड़ों का सबसे लाडला
पापा का प्यारा, माँ का सबसे दुलारा
उनके आँखों का सुनहरा तारा
दोस्तों का साथी यारों का यार
मै राजेश्वर, अपनों का राजेश्वर
कुछ को परेशान करने में माहिर
दोस्तों के गम में रहता हूँ हाज़िर
ना कर पाता हूँ खुद कें मनोभावो को ज़ाहिर
इसलिए कुछ लोग समझते है मुझको काहिर
पर जो भी समझे दुसरे मुझे
पर खुद में हूँ मैं अव्वल नंबर
दोस्तों का साथी यारों का यार
मै राजेश्वर, अपनों का राजेश्वर

मै राजेश्वर, अपनों का राजेश्वर

Some expectations, hope from some-few, hurt me. But I don't bother on those who doesn't care me. I am happy because I have those who are in my life with me. Some new things happen, which I never dreamed. I am changing some-thing in me & it will reflects in my character. Either it may hurt a few or not. Its doesn't matter to me. Because I love my self most & it suits to change myself.
 
 

Monday, June 27, 2011

एक श्रधा सुमन मेरे तरफ से

पूज्यनीय बड़े पिता जी "श्री गब्बू सिंह जी" की यादों में समर्पित, एक श्रधा सुमन मेरे तरफ से: 

२७ जून २००८, मेरे जिंदगी के सबसे बुरे दिनों में से एक| 
उस दिन का घटना मुझे जिंदगी के बारे में कई पाठ सिखाये, पढाये| मै २६ जून की दोपहर से ही कुछ परेशान सा था, क्यूँ परेशान था ये मुझे भी नही मालूम था| उस समय मै DOEACC से वापस आ रहा था, समय यही कुछ शाम के चार बज रहे थे| मै शगुन और साहुल मेरे कमरे पर लौट रहे थे| हम लोग हर समय की तरह उस समय भी मस्ती कर रहे थे| अचानक पांच बजे के बाद मुझे कुछ ऐसा लगने लगा की मेरे साथ कुछ बुरा होने वाला है, पर क्या होगा मुझे इसका अंदाज़ा भी नही हो रहा था और ना ही अंदाज़ा हुआ, अगर अंदाज़ा हुआ होता तो मै आज उस पल के लिए पछताता नही| 


शाम सात बजे मैंने शाहुल से बोला, "यार मुझे कुछ अच्छा नही लग रहा है!"
"क्यूँ क्या हुआ, तबियत ख़राब है क्या?" साहुल ने पुछा|
"नही यार, तबियत तो सही है पर कुछ अच्छा नही लग रहा है", मैंने उत्तर दिया|
अबे मुझे खाने का मन नही कर रहा है, आज", मैंने बोला| 
"अबे चल कोई बात नही, आज कुछ और बनाते है", साहुल बोला|
"घर पर बात कर लो, शायद तुम्हारा मन कुछ हल्का हो जाये", साहुल मुझसे बोला और अपना मोबाइल मेरे हाथ में पकड़ा दिया|
मैंने घर पर फोन किया और बस बहन से बात किया, सब हालचाल लिया और फोन साहुल को वापस कर दिया| पर उस समय क्या पता था कि मै कुछ भूल रहा हूँ| उससे पहले जब भी मैंने घर पर फोन किया अपने बड़े पापा ( बड़े ताऊ) से ज़रूर बात किया करता था, पर उस दिन बात नही किया, जिसका मलाल मुझे हर पल रहेगा|
डिनर करने के बाद हम लोग छत पर सोने गये, क्यूंकि उस समय गोरखपुर में रात को नौ बजे से बारह बजे तक रोज बिजली कटती थी| बिस्तर लगाने के बाद मै, साहुल, राजीव (बगल के कमरे में रहता था) छत पर ही बातें करने लगे|
तभी आसमान में इक तारा टूटा, साहुल चिल्लाया..."अबे मांग लो, टूटते तारें से जो भी मांगोगे, तुम्हे ज़रूर मिलेगा|" हम सभी ने कुछ समय के लिए आंख बंद किया|
कुछ देर बाद साहुल बोला, "मुझे मालूम है तुमने क्या माँगा है|"
"अच्छा, पता है तो चुप रह", मैंने बोला|
"चलो अन्त्याक्षरी खेलते है", राजीव ने तभी कहा|
"हा चल लेकिन सब इक ही टीम रहेंगे", मैंने बोला|
और फिर अन्त्क्यछारी शुरू हो गया| तभी इक और तारा टूटा, राजीव हसते हुए बोला, "इस बार भी मांग लो भैया, ज़रूर मिलेगा वो"|
फिर तारा टूटने और अन्त्याक्षरी का सिलसिला जारी था, हम लोग बहुत सारी मस्ती कर रहे थे अपने बातों में किसी और का फिक्र ही नही रहा तभी लगभग साढ़े बारह बजे बिजली आई और हम छत से नीचे आ गये, फिर हम सोने कि तैयारी करने लगे|
रात के दो बजे साहुल का फोन बजा, मैंने फोन रिसीव किया दुसरे तरफ मेरे भैया थे "पापा नही रहे", उनके शब्द सुनते ही मेरा दिमाग घूम गया| 
"क्या......????????" मै बस यही कह पाया और तुरंत पैंट-बुशर्ट पहना और ट्रेन पकड़ने के लिए दौड़ पड़ा|
सुबह घर पहुंचा तो माहौल गमगीन था
दिमाग में क्या कुछ दौड़ रहा था 
मै कुछ भी कह नही सकता|
पर रात के टूटते तारों ने 
मेरे जिंदगी से इक ऐसा तारा तोडा 
जिनके आँखों का तारा मै था, 
इस तारे को चमकाने में ही 
सारा जिंदगी गुज़र गयी उनकी, 
और मेरे जिंदगी का तारा टूट गया, 
उनके हाथो में कुछ नही रख पाया, 
जिन्होंने मेरे हाथ हरदम पकडे रहा 
मै अंतिम पलों में बात भी नही कर पाया
इसका आज भी अफ़सोस है मुझे
तारों ने मुझसे पहले ही बोल दिया 
कि हम बुला रहे हैं, उस शख्स को, इंसान को
जिनके जिंदगी का चमकता हुआ तारा मै था 
मेरे जिंदगी से निकाल कर उनको
चिपका देंगे आसमान में उस चमकते तारें को 
वो इंसान गुजर गया मेरे जिंदगी से
जिनकी ऊँगली पकड़ कर मै चलना सीखा
उनकी मौत पर आसमान भी दुखी था
बादल बने रहे आसमान में तब तक
जब तक उनकी शरीर इस दुनिया में रही
नश्वर शरीर के जलते ही, मिटटी में मिलते ही 
सारे बादल अपने आंसू बहाने लगे, 
बारिश की तेज बौछारों में
जब भी याद आती है, आपकी 
तो उन तारों को निहार लेता हूँ
शायद उन्होंने बुला लिया है आपको
मिला लिया है आपको भी उन चमकते तारों में
कर दिया है मुझसे दूर.... बहुत दूर.....बहुत दूर.......
बहुत दूर.....बहुत दूर...... 
पूज्यनीय बड़े पिता जी "श्री गब्बू सिंह जी" की यादों में समर्पित: 
आपका लाडला:
जिसको आपने नाम दिया: 'राजेश्वर' 
और प्यार से पुकारा 'पिंकू' कहकर

Monday, June 20, 2011

रात और ख्याल

Hi I am Rajeshwar Singh from Kamareddy, Andhra Pradesh, INDIA.........

My heartbeat runs 72 times per minute, Some times when my heart feels emotions about close-one & jumps more than 72 times per minute, I like to create these stupid lines. I pleased, smiled on my self while I was writing these lines.

रात और ख्याल
आज रात तुम आये मेरे ख्यालों में,
गुम हो गया तुम्हारे बहकी सांसो में| 
भूल गया खुद को तुम्हारे बातों में,
उलझा रहा पूरी रात तुम्हारे बालों में||
आज रात तुम फिर आये मेरे ख्यालों में| 
आज रात तुम आये मेरे ख्यालों में||

आज रात तुम आये मेरे ख्यालों में, 
तुम जो शरमा कर बैठे मेरे आगोश में| 
बिछ गयी इस कदर मेरे अल्फाजों में,
परवाह ना रहा तुम्हे खुद का मेरे बाँहों में||
खो गया मै भी काले नैनो की बादलो में|  
आज रात तुम फिर आये मेरे ख्यालों में|| 

आज रात तुम आये मेरे ख्यालों में,
ना फिक्र रही घडी की सुइयों का हमें|
जो मिल गयी तुम्हारे होठो की लाली हमें,
डूब गया मै तुम्हारे लबों की नमी में|| 
पूरी रात ऐसे कट गयी तुम्हारे साथ में|
आज रात तुम फिर आये मेरे ख्यालों में||

आज रात तुम आये मेरे ख्याल में,
तुम भी हो गयी पगली, पगले के साथ में|
पहले थीं अन्जानी इस अन्जान के याद में,
खुद का पहचान ढूंढने लगी मेरे पहचान में|| 
मैं भी जीने लगा उस पगली के प्यार में| 
आज रात तुम फिर आये मेरे ख्याल में||
पूरी रात ऐसे कट गयी तुम्हारे साथ में|
आज रात तुम फिर आये मेरे ख्यालों में||

रात और ख्याल
By:-
राजेश्वर सिंह 'राज़्श'

Thursday, June 9, 2011

सुरमई अंखियों में

Hi I am Rajeshwar Singh from Banshwada, Andhra Pradesh,  INDIA.........



An appeal from my heart:



सुरमई अंखियों में इक प्यारा सा सपना दे जाए 
पलको के झपकते ही, अंखियों में वो आ जाए
कोई अपना दे जा, कोई सच्चा सपना दे जाए
अन्जाना सा पर कुछ पहचाना सा शबनमी दे जाए 

रेशम सी रेशमी दिल में समाकर जा ना पाए
सुरमई अंखियों में इक प्यारा सा सपना दे जाए
रात के आगोश में साथ में आ जाए
नींद की रिमझिम बारिश में साथ में नहा जाए

यादों में ऐसे ही आकर मुस्कुरा जाए
मेरे सपनो को भी यूँ ही हसाता जाए
सुरमई अंखियों में इक प्यारा सा सपना दे जाए 
प्यारी अंखियों में इक प्यारा सा सपना दे जाए
सुरमई अंखियों में:
By:
राजेश्वर सिंह 'राज्श'

Tuesday, June 7, 2011

तुम

Hi I am Rajeshwar Singh from Bodhan, Andhra Pradesh, INDIA.........

Dear,
As I said I am posting this for you....

क्या खूब लगती हो तुम!!
क्या तुम, खूब लगती हो??
ये आश्चर्य है या प्रश्न
मैं खुद से पूछता हूँ
तो इक ही उत्तर आता है
जो भी हो तुम खुदा की कसम
जो भी हो तुम खुद की कसम
लाजवाब हो, कमाल हो
ये जुल्फे लटकी है कंधे पे 
या बादल तुमसे उलझी हुई है
ये तुम्हारे आँखों की शोखियाँ है 
या दो प्याले मय के भरी हुई है 
ये तुम्हारे हुस्न का ज़लवा है
या झील में खिलता हुआ कँवल है
तुम-
By:
राजेश्वर सिंह 'राज्श' 

Thursday, May 19, 2011

For an outstanding performer

Hi I am Rajeshwar Singh from Hyderabad INDIA.........


This is for an outstanding performer, I have seen in my life. It feels proud, having a friend like her. She is a great personality & her quality teaches some lessons. I like her capability & focused nature. Today she gave me some suggestion, surely I will do that things. These lines dedicated to her:  

इक है वो इस दुनिया में
शहजादी वो इस दुनिया की
करती करार किताबो से
दिखती हरदम मुस्काते हुए 
पहले लगता था है वो घमंडी
पर मैंने ना कभी महसूस किया

मुझे ना कभी लगता था 
कि वो होगी मेरी दोस्त
पर सब भगवान कि इच्छा है
कि वो मेरी अच्छी दोस्त है

उसके बारे में मै क्या लिखू
पूरी दुनिया लिखेगी उसके बारे में
सारी खुशिया, हरपल मिलेंगी उसे
क्यूंकि उसके भरोसा है खुद पे
वो पायेगी अपनी हर मंजिल
हमे भरोसा है उसके काबिलियत पे


For an outstanding performer:
By: राजेश्वर सिंह 'राज़्श

Sunday, May 8, 2011

मेरी पहली प्रियतम


Hi, I am Rajeshwar Singh from Jangarediigudem, ANdhra Pradesh, India................

मेरी पहली प्रियतम : मेरी माँ

मेरी पहली प्रियतम,
मेरा पहला नर्म-नर्म एहसास
इस दुनिया में पहला अपना
पहली हंसी का कारण
पहले शब्द की सम्मोहन
मेरी प्यारी माँ, मम्मा
ये पंक्तिया आपके लिए मेरी माँ:
"आपके प्यार में मै हमेशा 
खुद को नींद और नम्रता से भरा हुआ
महसूस करता हूँ, और यही इक बात है
जो मुझे आपसे जुदा नही करती, 
क्यूकि, 
आपके हाथ की बनी कढ़ी-चावल 
५ स्टार होटल के पकवानों से
कहीं ज्यादा स्वादिष्ट लगता है|"

माता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये
आपका लाडला 
दुलारा
प्यारा
'पिंकू'

मेरी पहली प्रियतम,
By: राजेश्वर सिंह 'राज़्श'

Thursday, May 5, 2011

किसी के यादों में: किसी को समर्पित

Hi I am Rajeshwar Singh from Tiruvur, Andhra Pradesh, INDIA.........

तेरे प्यार में......


तुमसे मेरी कुछ य़ू मुलाकात हुई
पहले दिन ही हो गयी रुसवाई
फिर तुमको भूलने को चाहा मै
लेकिन अगले दिन तुम 
इस अदा से मुस्कुराई
कि दूर हो गयी सारी तन्हाई
और मै भूल गया सब रुसवाई



किसी के यादों में: किसी को समर्पित
By: राजेश्वर सिंह 'राज़्श

Tuesday, May 3, 2011

कुछ पल यूँ ही...

Hi I am Rajeshwar Singh Chintalpudi, Andhra Pradesh, INDIA.........


चेहरे पर मुस्कान बन जाती है 
फिर भी दिल में तड़प होती है
मयखाने तो हर रोज जाते है 
पर केवल जिस्म नशीली होती है
जब हम सोचते है तुमको, 
रात के काले सायो में
तो उसी छण तुमको
आगोश में भरने की खुमारी होती है


कुछ पल यूँ ही...
By: राजेश्वर सिंह 'राज़्श

Friday, April 15, 2011

साथ महबूब का

Hi I am Rajeshwar Singh from Hyderabad, INDIA.........

This is just a dream....
Date & Time : 14th April'11, 11:39PM


पैराडाइज होटल में शाम का वक्त था
शमाँ रंगीन था जो साथ दिलदार था 
हसीना के गुलाबी लबों पे मुस्कराहट थी 
महबूब के मुलायम हाथो का एहसास था
मद्दिम रौशनी में चेहरे पे हँसी थी
क्यूंकि वहां कुछ खुरापातिया थी
देख कर महबूब की आँखों में 
कुछ शायरी कर दी उनके हुस्न पर
शायरी का शमां और मधुर बन गया 
जो जगजीत जी का सुर-संगीत मिल गया 
बातो-बातो में वक़्त बढ़ने लगा
और रात के १० बज गया
जाते-जाते डिनर का ख्याल आया
हैदराबादी बिरयानी के साथ सोफ्ट ड्रिंक ले लिया
शाम तो बीत गयी आज ख़ुशी-ख़ुशी
कल भी होगा तुम्हारे साथ हसी-ख़ुशी

'साथ महबूब का'
By: राजेश्वर सिंह 'राज़्श' 

Monday, April 4, 2011

Be in touch

Hi I am Rajeshwar Singh from Hyderabad, INDIA.........


I received this message from one of my fast friend on 27th March'11, but didn't read at that time.. Yesterday i was clicking the Inbox, I saw this message. This message realizes me the goodness of  being in touch. In last few days, due to some unhappy moments (missed to attend Convocation & was hurt by one of my close friend), I had seen, I developed attitude to go away from the ITMians & thats why I deleted myself from mostly communities on FACEBOOK, but I can't do this any more. I have to live myself as I wanna, will never miss contact from all due to one or some silly moments. 
So Sorry to all. I am back to MASTI with you all.

One day we all be sitting and thinking hard about life.
How it changed from simple college life to restrict professional life.

How pocket money changed to huge monthly pay cheque, 
but gives less happiness.
How a few local jeans changed to new branded wardrobe, 
But less occasions to use them.
How a single plate of samosa changed to a full pizza, 
But hunger is less
How a cycle always in reserve, changed to a car always on, 
But less places to go.
How a tea by roadside to CCD, Barista, 
But it feels as if the shop is far away.
How a general class journey changed to flight journey, 
but less vacations for enjoyment
And many more
May be this is the truth of journey called "LIFE".

Dedicated to all my friends.
Plz stay in touch always.
Be in touch & keep smiling my face.
I smiles when I saw you are smiling.

Sunday, April 3, 2011

तुम किसके साथ थे?

Hi I am Rajeshwar Singh from Hyderabad, INDIA.........


Date & Time: 3rd April'11 at 7:15 PM


ये है सपना मेरा
जो मैंने आज देखा 
अपनी खुली आँखों से
काम के बोझ से दबा हूँ
पर वक़्त निकल जाता है
तुमको सोचने के लिए
सपने देखने के लिए

ये आज मेरा दिन ऐसे हुआ
जैसे मै तेरे साथ घूम रहा था
हैदराबाद की जाम वाले रास्तो में
तुम्हारी बातों को सुन रहा था
दोनों के हाथो में आइस-क्रीम था
इस गर्म मौसम में साथ था
और हम दोनों ही खुश थे
सामने देखा लाल-गुलाब तो
मै भी खुद को ना रोक पाया
ले लिया कुछ लाल-गुलाब तुरंत
याद करके पुराने दिनों को
जब मेरे पास होते थे गुलाब हरपल
तुमने पूछा- लिया किसके लिए
खुद के लिए, मैंने जवाब दिया
तुम थोडा सा इतराई
फिर जब ना तुमको दिया तो
गुस्सा होकर इधर-उधर देखने लगी
मै बस तुम्हे जला रहा था
तुम भी ये जान रही थी
तुम यूँ ही साथ चलती रही 
मै ख़ामोशी से बातें सुनता रहा
कुछ पल साथ चलते हुए 
इक-दुसरे को टीज़ करते हुए
सामने आया पिज्जा-हट
फिर वह इक सीट पर बैठ गये
तुम थी सामने, मै था सामने
पिज्जा हट का पिज्जा था
और साथ में कॉकटेल भी
इक गुलाब लेकर लबो में
मैंने तुमसे वो पूछ ही लिया
जो मैंने ना पूछा ४ सालो में
क्या-तुम मेरा साथ दोगी?
क्या मेरी हमसफ़र बनोगी?
और तुम्हारे उत्तर आने से पहले ही
मै सपनो से जगा दिया गया
फिर ये सपनो की दुनिया....
मुझे मुस्कराहट दे गयी
पर इक प्रश्न छोड़ गयी
तुम किसके साथ थे??
तुम साथ किसके थे?? 




'तुम किसके साथ थे?'
By: राजेश्वर सिंह 'राज़्श'

Wednesday, March 30, 2011

देखा तुझे मै

Hi I am Rajeshwar Singh from Hyderabad INDIA.........

Date & Time: 30th March'11, 6:51PM
I am happy to write this idiotic emotions:


देखा तुझे मै जब कभी भी
चेहरा कि लाली य़ू बढ़ गयी
पीकर तेरे आँखों की शोहबत 
ये दिल बिन पीये, नशीली हो गयी
जब भी तुमसे प्यार किया मै
सारे गम पल भर में मिट गए
किस्मत का लिखा ना कोई जाने
कल थे पराये, आज हम इक हो गये
सबकी आँखों में आँखे दिखने लगी
कुछ यूँ तुम्हारी इबादत हो गयी
यादों के पहलु में तुम कुछ ऐसे बैठे
और किसी की फिकर ना रह गयी
देखा तुझे मै जब भी कहीं भी
चेहरा कि लाली य़ू बढ़ गयी
यादों को सिरहाने लेकर बैठा था मै
जब तुम मिले थे मुझसे उस कोने में 
हाथो में हाथ अब आ गये है 
बाकी मंजिल भी य़ू ही मिल जाएगी
तेरा साथ जो मिल गया है
बाकी मंजिल भी मुझे मिल जाएगी

'देखा तुझे मै'
By: राजेश्वर सिंह 'राज़्श'

Tuesday, March 29, 2011

'आखिर क्यूँ'

Hi I am Rajeshwar Singh from Hyderabad, INDIA.........

Date & Time: 29th March'11, 5:25 PM
ये जिंदगी भी काफी अजीब है, 
जो भी सोचो कि ये कर लूँगा आज
वो होता ही नही
और जो ना सोचो
वो हो जाता है
पल भर में खुशिया
तो अगले ही पल गम मिल जाते है
सोचो जीने को खुशियों के साथ
तो गम परेसान करने लगते है
यादों के सहारे जीने की सोचो 
तो यादें ही मिट जाती है
गर एक के साथ बात कर लो
तो सबकी याद आ जाती है
ऐसा क्यों होता है जिंदगी में 
क्यों पल ठहर नही जाता 
कुछ समय के लिए ही सही
ख़ुशी या गम तो बनी रहती
आखिर क्यूँ होती है ये सब....
..............आखिर क्यूँ????


आखिर क्यूँ:
By: राजेश्वर सिंह 'राज़्श'

'ख्वाब और तुम'

Hi I am Rajeshwar Singh from Hyderabad INDIA.........


Date & Time: 29th March'11, 3:13 PM,

This is just an thinking........

तुम ऐसे ही मेरे दिल की आवाज़ बनी
तुम मेरे दिल की धड़कन बन जाओ 
ख्वाबो में आई सांसो में समायी
पलको के सायो में आकर अब झिलमिलाओ
फूलो की महक से मेरे सांसो में रमीं
इस रंगीन फिजा में परियो की कहानी सुनाओ
मै भूलू गया कुछ भी तो तुमने याद दिलाया
जब भी दूर होऊ तो तुम पास बुलाओ
हवा की माफिक मेरी जिंदगी बन गयी
खो जाऊ कहीं तो, मुझको ढूढ़ लाओ 
हार गया कहीं तो तुम मुझको जीत गयी
हर ख्वाब में आकर तुम मुझको जगाओ
सारी रात तुम मुझे हर इक बात बताई
अपने सुरीले आवाज़ में अब इक गीत सुनाओ
सांसो में बसकर मुझे उस पल सताई
सांसो में बसकर अब भी हर पल सताओ
ये तो अल्फाज़ निकले, मेरे अकेलेपन में
तुम अब भी समझा करो मेरे ज़ज्बातो को
होगा क्या कल. जब होगी तुम मेरे शानो में,
तुम मह्काओगी मेरे साँसों को, मेरे अल्फाजो को

ख्वाब और तुम:
By:
राजेश्वर सिंह 'राज़्श'

I LOVE YOU ALL & MISSING TOO MUCH

Hi I am Rajeshwar Singh from Hyderabad, INDIA.........

Time & Date: 12:22AM, 29th March'11.

Me & My best friend Sagun are in same room in Hyderabad. Due to the hectic job/work life, we have just using Facebook & commenting here & there........ After some time we discussed some points which really realizes our feelings & we start listening some emotional song............. we listened song for a long time......... & our soul feels too much water in them-self... Today I am missing my college friends & missing to get Degree too much.... What wrong is going with me & my friends.......


I wrote these four lines for my LOVE-MATES/CLASS-MATES:-

दिल है तन्हा, याद तुम्हारी आती है
सांसे है हलकी, होठ बंद है
कैसे मै कहूँ, किससे बयां करू
आँखे नम है, दिल मेरा रोता है


I LOVE YOU ALL & MISSING TOO MUCH.....

यार कोई तो जादू की झप्पी दे दो........