Tuesday, March 29, 2011

'ख्वाब और तुम'

Hi I am Rajeshwar Singh from Hyderabad INDIA.........


Date & Time: 29th March'11, 3:13 PM,

This is just an thinking........

तुम ऐसे ही मेरे दिल की आवाज़ बनी
तुम मेरे दिल की धड़कन बन जाओ 
ख्वाबो में आई सांसो में समायी
पलको के सायो में आकर अब झिलमिलाओ
फूलो की महक से मेरे सांसो में रमीं
इस रंगीन फिजा में परियो की कहानी सुनाओ
मै भूलू गया कुछ भी तो तुमने याद दिलाया
जब भी दूर होऊ तो तुम पास बुलाओ
हवा की माफिक मेरी जिंदगी बन गयी
खो जाऊ कहीं तो, मुझको ढूढ़ लाओ 
हार गया कहीं तो तुम मुझको जीत गयी
हर ख्वाब में आकर तुम मुझको जगाओ
सारी रात तुम मुझे हर इक बात बताई
अपने सुरीले आवाज़ में अब इक गीत सुनाओ
सांसो में बसकर मुझे उस पल सताई
सांसो में बसकर अब भी हर पल सताओ
ये तो अल्फाज़ निकले, मेरे अकेलेपन में
तुम अब भी समझा करो मेरे ज़ज्बातो को
होगा क्या कल. जब होगी तुम मेरे शानो में,
तुम मह्काओगी मेरे साँसों को, मेरे अल्फाजो को

ख्वाब और तुम:
By:
राजेश्वर सिंह 'राज़्श'