Friday, March 4, 2011

साथ तुम्हारा

Hi I am Rajeshwar Singh from Vizag, INDIA.........

Date: 4th March'11 at 9: 50 PM in the memories of my soul's feeling.

मै दिन-रात ये सोचता हूँ,
हर पल ये चाहता हूँ
तुम रूठो मै मनाऊं
मै रूठू तो तुम मनाओ
रूठना-मनाना खेल करू तुम्हारे सायो की
महसूस हो नरमी तुम्हारे हाथो की
सांसो में महक हो तुम्हारे गेसुओ की
कानो में खनक हो तुम्हारे बोलो की
संगीत सुनु मै तुम्हारे गीतों की
मेरे चेहरे पर झोके तुम्हारे दुपट्टे की
सिरहाने तुम बैठो तकिया के जैसे
डूब जाऊं मै तुम्हारे बातो में ऐसे ही
चूमता रहूँ तुम्हारे अल्फाजो को ऐसे ही......




साथ तुम्हारा
By: राजेश्वर सिंह 'राज्श '