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Monday, September 5, 2011

अध्यापक दिवस की हार्दिक शुभकामनाये

Hi I am Rajeshwar Singh From Gurgaon, Haryana, INDIA.........


मेरे जिंदगी के प्यारे, विनम्र, सुविचारी गुरुजन
अध्यापक दिवस कि हार्दिक शुभकामनाये,
मेरे दिल से आप सभी को नमन!
छूकर आप सभी के चरण कमल! 
आप ही थें जिन्होंने मुझे एस काबिल बनाया
आप ही हैं जो मुझे इस लायक बनाया
कि दुखी मन में मुस्कुरा सकूँ,
हताश होने पर भी लड़ सकूँ|
निराशा के समय भी पा सकूँ,
दुविधा के समय भी बढ़ सकूँ||



अध्यापक दिवस की हार्दिक शुभकामनाये,
मेरे दिल से आप सभी को नमन!
छूकर आप सभी के चरण कमल! 

अध्यापक दिवस की हार्दिक शुभकामनाये,
BY :
राजेश्वर सिंह

Sunday, July 17, 2011

For a friend by a friend

Hi I am Rajeshwar Singh from Srinagar, Jammu & Kashmir, INDIA.........

For a friend by a friend,

जिंदगी के सबसे हसीन मोड़ पर, 
तुमसे यूँ मुलाकात हुआ
हँसते-२ बीतने लगे ये दिन, 
कुछ ऐसा मुझे एहसास हुआ

मेरे दुखो में परेशान होने वाली
हर दुःख दर्द में साथ देने वाली
कॉलेज में बहुत सहमी-२ दिखने वाली 
पर आज है दुनिया से कदम मिलाने वाली

उलझनों में मुझे समझाने वाली 
खुरापात पर बोलने और झगड़ने वाली
पर खुद ही माफ़ी मांगने वाली 
गम में भी सबके साथ खुश रहने वाली 

कोई कुछ कहें ना कहें, या कुछ ना बोलें
पर मै ये बोलता हूँ कि वो बहुत प्यारी है
वो खुद के बारे में कुछ सोचे या ना सोचे 
पर मै ये कहता हूँ कि वो इक पगली है

ज़न्मदिन पर ये पंक्तिया मैंने लिखी है
ये पंक्तिया उसके लिए, मैंने उकेरी है 
पा जाए वो अपने शिखर को, 
यही मेरे दिल की तमन्ना है 

ज़न्मदिन की हार्दिक शुभकामनाये गरिमा
For a friend by a friend,
By:
राजेश्वर सिंह 'राज्श'

Thursday, July 14, 2011

आप जैसे अपने के लिए

Hi I am Rajeshwar Singh from Srinagar, Jammu & Kashmir, INDIA.........

In the sweet memories of close-one teacher, Pooja Tripathi Ma'am.............

मनमोहक आकृति अद्भुत कृति
लेखनी के लिए बन गयी है नीति
चेहरे पर मुस्कान, दिल में ख़ुशी
ऐसी ही हर पल बनी रहे आपकी हसी

जो ऐसे ही आप रहे मेरे जिंदगी में
इस दिल के सब शब्द आ जाये बाहर
आपका एहसास जो रहता है दिल के पास
कि मेरा ये दिल गुनगुनाता है बेशुमार

आपके ख़ुशी में मेरी ख़ुशी
क्यूकि आपसे जुडी है जज्बात मेरे
ज़मीन से फलक तक आपकी निशा
कि बस आपके लिए आते है लफ्ज़ मेरे

सूरज कि रंगीनिया भी कम पड़ जाये
आप के चेहरे कि तेज़ पर
सुरों कि रागिनिया भी धीमी पड़ जाये
आपके सुमधुर बोलो पर

चाँद की दुधिया रोशनी धुंध पढ़ जाये
आपकी  नम्रता वाले व्यवहार पर
नदियों की गहराई कम हो जाये
आपके आँखों के अपनेपन पर


आप जैसे अपने के लिए:
By:-
राजेश्वर सिंह 'राज़्श'

Wednesday, July 13, 2011

मेरे सबसे अच्छे दोस्त के लिए

Hi I am Rajeshwar Singh from Srinagar, Jammu & Kashmir, INDIA.........



मेरे अजीज दोस्त के लिए, 
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाये

मम्मी की दुलारी, पापा की लाडली
भाई की सुहानी, बहनों की निराली
कुछ पहचानी, थोड़ी सी अन्जानी
मेरे सबसे अच्छी दोस्त, सबसे प्यारी

याद आती है आज भी वो एक्जाम के दिन
पढना साथ में, करना शेयर हर एक नोट्स
ना समझ में आने पर समझना और समझाना
कोई टॉपिक भूल जाने पर वो लाइब्रेरी में चिल्लाना


जग को जीत लेगी वो, खुद के बल पर
पर रखना होगा विश्वास खुद पर
सब्र करना होगा कुछ और पल
जब तक ना पाए अपना शिखर  

ज़न्मदिन की हार्दिक शुभकामनाये स्वेता

मेरे सबसे अच्छे दोस्त के लिए,
By:-
राजेश्वर सिंह 'राज़्श'

Sunday, April 3, 2011

तुम किसके साथ थे?

Hi I am Rajeshwar Singh from Hyderabad, INDIA.........


Date & Time: 3rd April'11 at 7:15 PM


ये है सपना मेरा
जो मैंने आज देखा 
अपनी खुली आँखों से
काम के बोझ से दबा हूँ
पर वक़्त निकल जाता है
तुमको सोचने के लिए
सपने देखने के लिए

ये आज मेरा दिन ऐसे हुआ
जैसे मै तेरे साथ घूम रहा था
हैदराबाद की जाम वाले रास्तो में
तुम्हारी बातों को सुन रहा था
दोनों के हाथो में आइस-क्रीम था
इस गर्म मौसम में साथ था
और हम दोनों ही खुश थे
सामने देखा लाल-गुलाब तो
मै भी खुद को ना रोक पाया
ले लिया कुछ लाल-गुलाब तुरंत
याद करके पुराने दिनों को
जब मेरे पास होते थे गुलाब हरपल
तुमने पूछा- लिया किसके लिए
खुद के लिए, मैंने जवाब दिया
तुम थोडा सा इतराई
फिर जब ना तुमको दिया तो
गुस्सा होकर इधर-उधर देखने लगी
मै बस तुम्हे जला रहा था
तुम भी ये जान रही थी
तुम यूँ ही साथ चलती रही 
मै ख़ामोशी से बातें सुनता रहा
कुछ पल साथ चलते हुए 
इक-दुसरे को टीज़ करते हुए
सामने आया पिज्जा-हट
फिर वह इक सीट पर बैठ गये
तुम थी सामने, मै था सामने
पिज्जा हट का पिज्जा था
और साथ में कॉकटेल भी
इक गुलाब लेकर लबो में
मैंने तुमसे वो पूछ ही लिया
जो मैंने ना पूछा ४ सालो में
क्या-तुम मेरा साथ दोगी?
क्या मेरी हमसफ़र बनोगी?
और तुम्हारे उत्तर आने से पहले ही
मै सपनो से जगा दिया गया
फिर ये सपनो की दुनिया....
मुझे मुस्कराहट दे गयी
पर इक प्रश्न छोड़ गयी
तुम किसके साथ थे??
तुम साथ किसके थे?? 




'तुम किसके साथ थे?'
By: राजेश्वर सिंह 'राज़्श'

Friday, March 4, 2011

साथ तुम्हारा

Hi I am Rajeshwar Singh from Vizag, INDIA.........

Date: 4th March'11 at 9: 50 PM in the memories of my soul's feeling.

मै दिन-रात ये सोचता हूँ,
हर पल ये चाहता हूँ
तुम रूठो मै मनाऊं
मै रूठू तो तुम मनाओ
रूठना-मनाना खेल करू तुम्हारे सायो की
महसूस हो नरमी तुम्हारे हाथो की
सांसो में महक हो तुम्हारे गेसुओ की
कानो में खनक हो तुम्हारे बोलो की
संगीत सुनु मै तुम्हारे गीतों की
मेरे चेहरे पर झोके तुम्हारे दुपट्टे की
सिरहाने तुम बैठो तकिया के जैसे
डूब जाऊं मै तुम्हारे बातो में ऐसे ही
चूमता रहूँ तुम्हारे अल्फाजो को ऐसे ही......




साथ तुम्हारा
By: राजेश्वर सिंह 'राज्श '

Sunday, January 2, 2011

अपनी गुज़ारिश

Hi I am Rajeshwar Singh from Gurgaon INDIA.........

Date: 1st Jan'2011
Time: 9:56 PM

Created in BIHAR SAMPARK KRANTI train ahead Lucknow railway station.

ट्रेन की सीट पर सोया
'रसीदी टिकट' पढ़ रहा हूँ
ये तो रचना है अमृता प्रीतम जी का
जो मेरे अल्फाजो को भुना रहा है
कुछ पंक्तिया आई सामने तो
दिल ने कहा तुम पर शब्द गूंथने को
शांत हो गया था ट्रेन का माहौल
पर कौन रोक सकता है पटरियों के आवाज़ को
आगाज़ है नए उम्र का नए साल का
ये शुभारम्भ है मेरे हाथ में इस कलम का
तुम याद आते रहे हर पल आज
कभी पवन के झोंको में तो कभी मेरे मुस्कराहट में
कैसे ज़ाहिर करू अपने बेताबी को
प्यारे अल्फाजो को अपने इश्क को
कैसे समर्पित करू इस माला को
शब्द-माला में गुंथे हुए शब्दों को
गूंथने का कुछ य़ू आलम हुआ
ये फुल पड़ते गाए और माला बन गई
ये माला जो है मैंने गुंथा शब्दों का
मेरे जूनून का तुम्हारे मुहब्बत का
मेरे ख़ुशी का तुम्हारे छुअन का
मेरे अल्फाजो का तुम्हारे ख़ामोशी का
२०१० की अंतिम सर्द रात का
तुम्हारे बिना बात के रूठने का
२०११ की सुबह किसी को ना फ़ोन करने का
ये शब्द है सुबह-सुबह तुम्हारे सन्देश आने का
ये शब्द है सुबह तुमसे बात करने का
मेरे जिद करने पर तुमसे मिलन का
ऐसे-वैसे गुफ्तगू करने का 
है ये तुम्हारे बेइंतहा चाहत का
मेरे बातो पर तुम्हारे खीझने का
तुम्हारे बोलो पर मेरे रिझने का
इक छोर पकडे रहना इस माला के धागा का
क्योकि मुझे जूनून है तुम पर शब्द पिरोने का
याद आ रहे है अब भी तुम्हारे होठो के मुस्कान
आँखों के अपनेपन का हाथो के नरमी का
हाथो की नरमी का हाथो की छुअन का
मेरे दिल की धड़कन का तुम्हारे एहसासों का
याद कर रहा हूँ मै विदा होते हुए तुम्हारे झलक का
मेरे आँखों की ख़ुशी का तुम्हारे गुजारिश का
फिक्र है हमे अपने साजिशो का खुद को फसने का
साथ ही साथ इस जाल में तुम्हे फ़साने का
उस मोड़ के इंतज़ार का अपने इकरार का
ऊपर वाले की साजिश है अपने मिलन का
हमारे तकरार का मेरे पुकार का
तुम्हारे गुज़ारिश का मेरे दीदार का
इक लफ्ज़ में कहूँ तो, पिरो रहा हूँ..............
.....अपने आँखों के अनकहे प्यार को

अपनी गुज़ारिश-
By:
राजेश्वर सिंह 'राज़्श'

Sunday, December 26, 2010

For Shahul 'इक अपने लिए'

Hi I am Rajeshwar Singh from New Delhi, INDIA.........
Created on 26th Dec'10, 11:35 PM in New Delhi.


साहुल के लिए लिखने है कुछ पंक्तिया
जो इसके लिए अभी है ज़रूरी
कई दिनों से कहता था की लिखो मेरे बारे में भी कुछ
इसलिए अब मै करूँगा इसकी तमन्ना पूरी
इक लड़का दीवाना, हसीनायो के ज़ल्वो का
बीबी नज़र आती उसे हर राह चलती नारी
ये तो रही उसकी दिल की बाते
अब बताता हू उसके दिल की खूबी
है ये पढने में होनहार 
वीरवान है वो खेलने में
क्लास का एकमात्र खिलाडी
जिसने जीते मेडल कॉलेज में
कहता अपने दिल की बाते
जब हम होते लॉन में
अपने गलतियों में सुधर के लिए
लेता कसमे हमारे साथ मंदिर में
कॉलेज के पहले साल से हम
साथ बैठते इक ही बेंच पे
खाते साथ टिफिन चुराकर
खासकर दूसरी घंटी में
शगुन की टिफिन खाकर
उसे नाश्ता कराना ढाबे पे
ये लड़का बहुत अलग है सबसे
बात ना होती बिना गाली से
इक बाइक पे चार का बैठना
और जाना उस गली में
होली के त्यौहार पर करना
हुडदंग कॉलेज में और कैंटीन में
आई. टी. आई. में करना ट्रेनिंग
वो गेस्ट हाउस में, होस्टल में
मेरे बर्थडे पर केक काटना
देना टी-शर्ट तोहफे में
मेरे जिंदगी का वो खुबसूरत लम्हा
जो मिला था इस कमीने की वजह से
पी डी में देना मूवीज वो नयी-२
जो करता था डाउनलोड रात में
पीना सोफ्ट-ड्रिंक चंदा लगाकर
पुरे अप्रैल के महीने कैंटीन में
डांस वो करना इसका याद आता है
फेयरवेल, क्लास और फ्रेशेर में
टीचर्स के ऊपर झल्लाना
जब कम आते नंबर सेमेस्टर में
मेरे बचपने पर देना नसीहते
जो साथ देते थे मेरे कामो में
जानता था की ना दूंगा रूपये मै
फिर भी मांगना उधारी मुझसे
जो जाते थे पैसे शगुन के जेब से
वो चौथी घंटी के आखिर में
एक्जाम की रात बाते करना
वो भी उस लड़की के बारे में
चौथे साल में बहाने बनाना 
वो प्रोजेक्ट तैयार करने में
हॉस्टल से कॉलेज आना
हर दिन दूसरी घंटी में 
अब और क्या करू बुराई इसकी
पगला गया होगा ये इतने में
इक नसीहत जो मै देता हू तुम्हे यहाँ पर
कभी मत पड़ना किसी ग़लतफ़हमी में 
जो प्यार-अपनापन है हममे
उसे बनाये रहना पुरे जिंदगी में


For Shahul 'इक अपने लिए'
By-
राजेश्वर सिंह 'राज्श'

Tuesday, November 2, 2010

For my belove one

Hi I am राजेश्वर सिंह From गोरखपुर, भारत.........

तुम इतने खुबसूरत हो कि
ये मेरे अलफ़ाज़ य़ू निकल गए
तुम मिल गये मुझे जिंदगी में
तो ये काफिले मेरे बढ़ गए............


गुथूं कुछ शब्द अपने अल्फाजो के
ग़ज़ल बन जाता है तुम पर
उस पर निखार आ ही जाता है
जब भी निहार लेते हो तुम उन पर
बहक जाता हूँ जब भी कुछ बयां करता हूँ
तुम्हारा शबाब ही भारी पड़ता है सब पर
भोर पहर में बागो से कोयल की मीठी बोली
सुरीली राग भी कम पड़ जाता है तुम्हारे मीठे बोलो पर
सोचूं गर कोल्ड ड्रिंक्स पीने को
मज़ा, फ्रूटी खुद ब खुद आ जाता लब पर
राह चलते भी चेहरा याद आता है
जब भी नज़र पड़ती है हसीनाओ पर
होठो पर कुछ बोल आ ही जाता है
बाते करते हुए मुस्कुराना तुम्हारा याद आने पर
उन आँखों में अपनापन लगता है
जो मिलती है औरो से चुराकर

नर्म हाथो से माथे पर टीका लगवाने को जी चाहता है
जो लगाते थे तुम अपने नयनो से हटाकर
तुमसे हर बात पर ही तकरार ही होता है
फिर भी हम करते है इक दूजे से प्यार

Saturday, September 18, 2010

All ITMian B.TECH[IT/CS/EC] & MBA aspirants of 2010 & 2011 batch

Hi I am Rajeshwar Singh From Gorakhpur INDIA.........


It is again a great support by my senior sir.....
Avinash Srivastava ('08 Passout from ITM )
B.Tech[IT], PGDB,
Assistant Manager Grade II,
ICICI BANK LIMITED.
Jakkur post, Bangalore North, Bangalore.






The Scrap from him to me:-


Dear Rejeshwar,
Hi..
You can forward the message below to our juniors , and your batch mates who are in search of the jobs this will facilitate them in getting the jobs at ICICI Bank and I am here to assist them,
Byes



Dear Friends,

Greetings for the Day!!

As a part of my alumni duties , it gives me great pleasure to inform you that my organization is conducting freshers drive for B.tech and MBA Students , so if you are interested you can feel free to contact me for details, so that I can assist you in getting placed and reference in interviews further.

POST: ASSISTANT MANAGER
3.9 LPA ,60%+, MBA,with one year experience.

POST : ASSISTANT MANAGER
3.6 , B.TECH[IT/CS/EC/EEE/] or MBA ,60%+, passouts in 2010/2011 are eligible,no experience required.
Depending upon the requirement in several department the allocation is done such as IT, TF, Retail Banking, Treasury .

Thanks and Regards,

Avinash Srivastava
B.Tech[IT], PGDB,
Assistant Manager Grade II,
ICICI BANK LIMITED.
Jakkur post, Bangalore North, Bangalore.









Contact him on:-
avinash1986.satyam@gmail.com