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Saturday, September 24, 2011

हमारा नाम

Hi I am Rajeshwar Singh from New Delhi INDIA.........



तेरे याद ने आज फिर से हँसा दिया,
क्यूंकि तुमने अपना नाम मेरे नाम से जोड़ लिया|
जब भी सोया मै तेरे जुल्फों की छाँव में,
हर इक सुबह की भोर को शाम बना दिया||
तेरे अल्फाजो का खनक कभी दूर जाता नही,
इस तरह तुमने आज फिर मेरा जाम भर दिया||
आँखों की ज़ंजीरो में कैद है आज भी वो पल,
जो समय, दिन, रात हमने साथ बिताया||
तू बनी रहती है बावरी मेरे सामने यूँ ही,
सारी पहर घडी को भी आज ठहरा दिया|
महफ़िलो की रंगीनियों में चमक और बढ़ गयीं,
जब तुमने मेरा नाम अपने नाम से जोड़ लिया||

हमारा नाम:-
By:
राजेश्वर सिंह "RazzU"

Sunday, July 24, 2011

वादिया और एहसास

Hi, I am Rajeshwar Singh, Razu for friends, here with my love, from Srinagar, J&K, India:-

तुम्हारी याद आज मुझे फिर से हँसा गया
तुम्हारी याद में मै फिर से मुस्कुरा गया
यादों में फिर से डूब गया ये दिल
ये दिल फिर तुम पर य़ू ही छा गया

हवा के मानिंद झोके एहसास कराने लगे
जैसे गुजरा हो तुम्हारा दुपट्टा मेरे सामने से
यहाँ की वादियो की हरी भरी हरियाली 
मदहोश करने लगी तुम्हारे प्यारे यादों में 

मरने को जी करता है 
यहाँ की खुबसूरत हसीनाओ पर
पर क्या करूँ मै इस दिल का
जो पहले ही मर मिटा है तुम पर

हवा की सर्र सर्र आवाज़े ऐसी लगती है
जैसे अभी-२ राजू कहकर तुम गुज़री हो 
पलकों के झपकने पर दिल ढूंढ़ लाता है
खुबसूरत चेहरा, जैसे कोई गुलाब अभी-२ खिला हो

जब भी लुत्फ़ उठाता हूँ किसी खास व्यंजन का
तुम्हारे नरम-मुलायम हाथो का एहसास हो ही जाता है
जब भी घूमता हूँ किसी नए जगह पर
तुम्हारा प्यारा एहसास साथ हमेशा होता है

सोने ना देती है ये खुबसूरत वादिया
एहसास कराती है तुम्हारे साथ का
खोया रहता हूँ तुम्हारे इस बेहतरीन साथ में 
क्यूंकि ये एहसास ही मुझे खुश रखता है

वादिया और एहसास
By:
राजेश्वर सिंह 'राजू'

Thursday, July 7, 2011

You 'Mine Words'

Hi, I am Rajeshwar Singh from Srinagar, Jammu & Kashmir, INDIA.........

There are motive/s behind any writings, here a motive too. To express some dreamy nights to nightmare. I love me most & like to do things which I like, so I am following myself.............

'RED ROSES for You' 

I thank to two person, your parents, 
Who are God & Goddess for you.
I like to love those person.
Who are known as family for you.


I feel proud on your two shiny eyes.
Who resembles my presence in your life.
I like to listen your sweet voice.
Who disappear all sadness from my life.

Ruby hair extend the love on my face.
Whenever I sleep in your lap.
Some Juicy drop realizes me in heaven.
When falls on my lip from your lovely lips.

'RED ROSE for You' 

I feel the peak of softness.
When I hold your victorious hands.
I feel your heartbeat through blood.
Which flows at its fast in your vain. 

My heart got in trouble.
When it meets with yours. 
God provides me fragrance of scents.
When my breathe melts with yours.

Nature gives more rejoice.
When you are there with me.
I demand all happiness in our life.
Because a beauty like you is always with me.


You 'Mine Words'
By:
Rajeshwar Singh 'RazsH'

Monday, June 20, 2011

रात और ख्याल

Hi I am Rajeshwar Singh from Kamareddy, Andhra Pradesh, INDIA.........

My heartbeat runs 72 times per minute, Some times when my heart feels emotions about close-one & jumps more than 72 times per minute, I like to create these stupid lines. I pleased, smiled on my self while I was writing these lines.

रात और ख्याल
आज रात तुम आये मेरे ख्यालों में,
गुम हो गया तुम्हारे बहकी सांसो में| 
भूल गया खुद को तुम्हारे बातों में,
उलझा रहा पूरी रात तुम्हारे बालों में||
आज रात तुम फिर आये मेरे ख्यालों में| 
आज रात तुम आये मेरे ख्यालों में||

आज रात तुम आये मेरे ख्यालों में, 
तुम जो शरमा कर बैठे मेरे आगोश में| 
बिछ गयी इस कदर मेरे अल्फाजों में,
परवाह ना रहा तुम्हे खुद का मेरे बाँहों में||
खो गया मै भी काले नैनो की बादलो में|  
आज रात तुम फिर आये मेरे ख्यालों में|| 

आज रात तुम आये मेरे ख्यालों में,
ना फिक्र रही घडी की सुइयों का हमें|
जो मिल गयी तुम्हारे होठो की लाली हमें,
डूब गया मै तुम्हारे लबों की नमी में|| 
पूरी रात ऐसे कट गयी तुम्हारे साथ में|
आज रात तुम फिर आये मेरे ख्यालों में||

आज रात तुम आये मेरे ख्याल में,
तुम भी हो गयी पगली, पगले के साथ में|
पहले थीं अन्जानी इस अन्जान के याद में,
खुद का पहचान ढूंढने लगी मेरे पहचान में|| 
मैं भी जीने लगा उस पगली के प्यार में| 
आज रात तुम फिर आये मेरे ख्याल में||
पूरी रात ऐसे कट गयी तुम्हारे साथ में|
आज रात तुम फिर आये मेरे ख्यालों में||

रात और ख्याल
By:-
राजेश्वर सिंह 'राज़्श'

Sunday, April 3, 2011

तुम किसके साथ थे?

Hi I am Rajeshwar Singh from Hyderabad, INDIA.........


Date & Time: 3rd April'11 at 7:15 PM


ये है सपना मेरा
जो मैंने आज देखा 
अपनी खुली आँखों से
काम के बोझ से दबा हूँ
पर वक़्त निकल जाता है
तुमको सोचने के लिए
सपने देखने के लिए

ये आज मेरा दिन ऐसे हुआ
जैसे मै तेरे साथ घूम रहा था
हैदराबाद की जाम वाले रास्तो में
तुम्हारी बातों को सुन रहा था
दोनों के हाथो में आइस-क्रीम था
इस गर्म मौसम में साथ था
और हम दोनों ही खुश थे
सामने देखा लाल-गुलाब तो
मै भी खुद को ना रोक पाया
ले लिया कुछ लाल-गुलाब तुरंत
याद करके पुराने दिनों को
जब मेरे पास होते थे गुलाब हरपल
तुमने पूछा- लिया किसके लिए
खुद के लिए, मैंने जवाब दिया
तुम थोडा सा इतराई
फिर जब ना तुमको दिया तो
गुस्सा होकर इधर-उधर देखने लगी
मै बस तुम्हे जला रहा था
तुम भी ये जान रही थी
तुम यूँ ही साथ चलती रही 
मै ख़ामोशी से बातें सुनता रहा
कुछ पल साथ चलते हुए 
इक-दुसरे को टीज़ करते हुए
सामने आया पिज्जा-हट
फिर वह इक सीट पर बैठ गये
तुम थी सामने, मै था सामने
पिज्जा हट का पिज्जा था
और साथ में कॉकटेल भी
इक गुलाब लेकर लबो में
मैंने तुमसे वो पूछ ही लिया
जो मैंने ना पूछा ४ सालो में
क्या-तुम मेरा साथ दोगी?
क्या मेरी हमसफ़र बनोगी?
और तुम्हारे उत्तर आने से पहले ही
मै सपनो से जगा दिया गया
फिर ये सपनो की दुनिया....
मुझे मुस्कराहट दे गयी
पर इक प्रश्न छोड़ गयी
तुम किसके साथ थे??
तुम साथ किसके थे?? 




'तुम किसके साथ थे?'
By: राजेश्वर सिंह 'राज़्श'

Tuesday, February 8, 2011

मंजिल

Hi I am Rajeshwar Singh from Hyderabad INDIA.........

Date: 18th Aug'10, 12:00 PM
Location: Gurgaon

तेरी आँखों में अपनापन है
यादों में बस तेरा ही ख्याल है
ज़ीने की चाहत होती है तेरे साथ में
होंगे हम साथ कुछ दिन में
जीयेंगे हम अपने जिंदगी को साथ में
पाएंगे खुशिया हम हर हाल में
मुस्कुराएंगे हम इक-दूजे के साथ में

हाथ होंगे  इक-दूजे के हाथ में
हमारे साँसों में इक ही खुशबु होगी
आँखों में य़ू ही अपनापन होगा

अपलक देखने को जी करता है
साथ टहलने को जी करता है
इस पल इक-दूजे से दूर सही
अपनी मंजिल है साथ में ही
जीना है जिंदगी कुछ औरो के लिए भी
वो लोग भी अपने ही है
उनके जीवन स्तर को सुधारना है
तुम य़ू ही हर पल मुस्कुराते रहो
मेरे खुशियों को य़ू ही बढ़ाते रहो
पाए हम अपने खुशियों को
पाए हम अपने मंजिल को
य़ू ही रहे ब्यूटी बरकरार
बनी रहे बेबी की मुस्कान
हम सब पाए अपनी मंजिल
साथ चले जिंदगी का कारवां


मंजिल
By: राजेश्वर सिंह 'राज्श '

Tuesday, November 2, 2010

For my belove one

Hi I am राजेश्वर सिंह From गोरखपुर, भारत.........

तुम इतने खुबसूरत हो कि
ये मेरे अलफ़ाज़ य़ू निकल गए
तुम मिल गये मुझे जिंदगी में
तो ये काफिले मेरे बढ़ गए............


गुथूं कुछ शब्द अपने अल्फाजो के
ग़ज़ल बन जाता है तुम पर
उस पर निखार आ ही जाता है
जब भी निहार लेते हो तुम उन पर
बहक जाता हूँ जब भी कुछ बयां करता हूँ
तुम्हारा शबाब ही भारी पड़ता है सब पर
भोर पहर में बागो से कोयल की मीठी बोली
सुरीली राग भी कम पड़ जाता है तुम्हारे मीठे बोलो पर
सोचूं गर कोल्ड ड्रिंक्स पीने को
मज़ा, फ्रूटी खुद ब खुद आ जाता लब पर
राह चलते भी चेहरा याद आता है
जब भी नज़र पड़ती है हसीनाओ पर
होठो पर कुछ बोल आ ही जाता है
बाते करते हुए मुस्कुराना तुम्हारा याद आने पर
उन आँखों में अपनापन लगता है
जो मिलती है औरो से चुराकर

नर्म हाथो से माथे पर टीका लगवाने को जी चाहता है
जो लगाते थे तुम अपने नयनो से हटाकर
तुमसे हर बात पर ही तकरार ही होता है
फिर भी हम करते है इक दूजे से प्यार