Showing posts with label UP. Show all posts
Showing posts with label UP. Show all posts

Sunday, March 5, 2017

पत्र: ९ (५ मार्च २०१७)

पत्र: ९ (५ मार्च २०१७)

पत्र श्रृंखला के आज के अंक में एक प्रेमी का पत्र एक भूतपूर्व प्रेमिका को जिसकी शादी कई साल पहले हो गई,

डिअर एक्स,
आशा है सकुशल होगी और अपने पति के साथ मौज कर रही होगी। इस पत्र को लिखने के पीछे का उद्देश्य सिर्फ यही है कि मैं तुमसे वो सब कह जाऊं जो पिछले कुछ दिनों से महसूस कर रहा हूँ। तुम ये जरुर सोच रही होगी कि आखिर इतने सालों बाद क्या जरूरत पड़ी, जो तुम्हे पत्र लिख रहा हूँ। जो इंसान तुम्हे शादी की बधाई ना दिया, तुमसे बात करना छोड़ दिया, आज पत्र क्यों लिख रहा है।

शॉपिंग मेरे ब्लॉग से:- Buy at Amazon! Flip with Flipkart! Shopping Snapdeal se! Be Freelancer!

कल मेरी शादी है अभी रात के दो बज रहे है कुछ ही पलों में सुबह हो जायेगी और समारोह के विभिन्न अनुक्रमों में व्यस्त हो जाऊँगा। मैं ये पत्र व्हाट्सएप्प पर लिख रहा हूँ, जानती हो क्यों? क्योंकि जबसे मेरी शादी फिक्स हुई है हमेशा मेरे दोस्त तुम्हारी याद दिला रहे है और मैं चाहता हूँ की शादी के बंधन में जुड़ने से पहले मैं अपने अन्दर की बातों को तुमसे साझा कर दूँ। तुमको शायद नहीं पता पर तुम्हारे लिए मैंने अपने कई करीबियों के दिल को चाहे-अनचाहे दुःख पहुचाया है। तुमसे मिलने के लिए मैं छात्रसंघ चौराहे पर अपने दोस्त को मोटरसाइकिल से उतार देता था, क्योंकि वहाँ से तुम साथ आती थी और बेचारा दोस्त वहाँ से मोहल्ले तक पैदल जाता था।

शॉपिंग मेरे ब्लॉग से:- Buy at Amazon! Flip with Flipkart! Shopping Snapdeal se! Be Freelancer!

तुम्हारे जिद करने पर डोसा खाने के लिए जब चौधरी रेस्तरा जाते थे तो डोसा के साथ साथ तुम्हारी मंचूरियन और फ्राइड राइस की चाह हो जाती थी। इस चक्कर में बजट ढीला हो जाता था, अन्दर ही अन्दर परेशान हो जाता था, तुम्हे कैसे पता होगा, तुम तो खाने और खिलाने में व्यस्त होती थी। तुम्हे पता है? कईयों बार मैं पेसाब करने के बहाने बाथरूम जाता था पर वो पेसाब करने नही बल्कि बिल पेमेंट करने के लिए या तो दोस्त को फ़ोन करने जाता था या फिर पैसे लेने (जो वो दस किलोमीटर आकर देते थे)।

शॉपिंग मेरे ब्लॉग से:- Buy at Amazon! Flip with Flipkart! Shopping Snapdeal se! Be Freelancer!

तुम्हे तो याद नही होगा पर मुझे आज वो दिन अच्छी तरह याद है जब यूनिवर्सिटी में तुम्हारा प्रोग्राम था और उसके लिए मैं दुसरे शहर से आया था जबकि मुझे उस सभागार में प्रवेश ही नहीं मिला था क्योंकि मैं युनिवर्सिटी से नही था? याद आया? थोड़ा सोचो शायद याद आ जाए। 
कई सारी यादें है तुम्हारे साथ के, जो मिटे नही। वैसे मैंने कोई खास कोशिश भी नही किया कि उन यादों को मिटा दूँ। 
एक चीज तो तुम्हे बताना भूल ही गया, जो मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। वैसे भी तुम्हे तो पता ही होगी और इसे बताते हुए मुझे हँसी भी आ रही है, आज वो बात सच हो रहा है जो मैं तुमसे अक्सर कहा करता था कि मेरी शादी अगर तुमसे नही हुई तो तुम्हारी सहेली से होगी और ये बात आज सच हो रहा है। ये एक अरैंजड मैरिज है और ये बात भी मेरी दीदी ने मुझे कुछ दिन पहले बताया। वैसे भी तुम्हारी सहेली तुमसे तो समझदार है, जानती हो क्यों? क्योंकि वो हर उस चीज़ का ख्याल रखती है जिसके लिए मैं कभी सोचता था कि तुम ख्याल रखो। 

शॉपिंग मेरे ब्लॉग से:- Buy at Amazon! Flip with Flipkart! Shopping Snapdeal se! Be Freelancer!

तुम मेराबर्थडे तक नही विश करती थी, और तुम्हारी सहेली ने मुझे गिफ्ट दिया, क्या दिया है, जानना चाहती हो? वही जो तुमसे कभी जिक्र किया था, मेरा खैर अब तुमसे क्या! तुम अपने में खुश रहो और मैं भी खुश रह लूँ। दो तीन दिन पहले तुम्हारी सहेली ने बताया कि तुम शादी में शायद आ रही हो, इसलिए मैंने सोचा कि कुछ तो लिखूँ तुम्हारे बारे में जो तुम पढ़ लो जिन्हें मैं सामने जगजाहिर ना कर पाऊं, और ये सलाह तुम्हारी सहेली ने ही दिया है कि एक पत्र लिखकर अपने बातें साफ़ साफ़ रख दो, इसलिए मुझे कोई डर भी नही। 
तुम्हे शादी की काफी देर बाद शुभकामनाए!

शॉपिंग मेरे ब्लॉग से:- Buy at Amazon! Flip with Flipkart! Shopping Snapdeal se! Be Freelancer!

तुम्हारे सहेली के आने से,
मेरी आने वाली जिन्दगी दिलचस्प होगी। 
आज जज्बातों पर साथ दी, 
कल कई और सपनो में साथ होगी ॥ 

तुम्हारे सहेली का आर!



पर्सनल नोट: इस पत्र को मुझसे (राजेश्वर) से जोड़कर ना पढ़े, इस पत्र की कहानी सत्य है परन्तु नाम, जगह और तिथियाँ बदल दी गई है। इसे पढ़े और अपने मित्रो के साथ शेयर करें।
और जब भी मेरी कृतियाँ पढनी हो या ऑनलाइन शॉपिंग करें, गूगल पर RAJESHWARSH सर्च करके मेरे ब्लॉग पर जरुर आए। 
धन्यवाद! 


Wednesday, February 22, 2017

पत्र: ७ (२२ फरवरी २०१७)


पत्र: ७ (२२ फरवरी २०१७) 

पत्र माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को


माननीय प्रधानमंत्री जी, 
सादर प्रणाम! 

आशा है आप सकुशल होंगे और कई सारे समस्याओं से जूझ रहे अपने देश भारत को तरक्की के राह पर प्रशस्त करने की कोशिश रहे होंगे। इस पत्र के माध्यम से मैं एक ऐसे मामले को आपके संज्ञान में लाने की कोशिश कर रहा हूँ जिससे, मेरे जैसे इस देश के दूर-दराज इलाकों (ग्रामीण परिवेश) में रहने वाले आम नागरिक हर दिन दो चार हो रहे होंगे। 

शॉपिंग मेरे ब्लॉग से:- Buy at Amazon!    Flip with Flipkart!    Shopping Snapdeal se!

पिछले साल के ८ नवम्बर को आपने राष्ट्र के नाम सन्देश में रूपये ५०० और रूपये १००० के नोटों को आधिकारिक तौर पर गैरकानूनी घोषित कर दिया। इस विमुद्रीकरण के कारण देश को एक साफ़-सुथरी और नया विचार मिला, जो समाज में फैले कुरीतियों को मिटाने में कई रूप से सहायक है और आने वाले दिनों में होगा। माननीय राजाराम मोहन राय द्वारा १८६२ ईसवी में सती-प्रथा उन्मूलन के लिए बनवाये गए कानून से अब समाज में उस समय फैली सती-प्रथा जैसी कुरीति से समाज को छुटकारा मिल चुका है। 

कुछ दिनों पहले मैं एक पेट्रोल पंप पर मोटर-साइकिल में पेट्रोल डलवाने गया, वहाँ पेट्रोल भरने वाले व्यक्ति से मैंने पूछा, “POS मशीन है?” 
“मतलब”, पेट्रोल पंप पर तेल भर रहा व्यक्ति बोला। 
“मतलब, एटीएम कार्ड से पेमेंट हो जाएगा?”, फिर मैंने पूछा। 
“नही है”, उसने बोला। 
“नेटबैंकिंग, भीम एप्प, मोबी क्विक, पेटीएम्”, मैंने फिर पूछा। 
“कुछ नही है भैया”, उसने बोला। 
“कब तक लगेगा?”, मैंने पूछा। 
“कभी नही”, उसने बोला। 
“ऐसा क्यों, सरकार तो बोल रही है कैशलेस होने को, फिर आप क्यों नही इसका फ़ायदा उठा रहे”, मैंने कहा। 
“जो भी हो, मालिक (पेट्रोल पंप) बोल रहे है कि नही लगेगा कोई ऐसा सिस्टम”, उसने बोला। 

शॉपिंग मेरे ब्लॉग से:- Buy at Amazon!    Flip with Flipkart!    Shopping Snapdeal se!

फिर मैंने जेब में बचे १०० रूपये का पेट्रोल डलवाया और निकल लिया। इस घटना को हुए लगभग ६५ दिन हो चुके है फिर भी आज तक इन पेट्रोल पंप पर POS मशीन नही लगी है। 

मैंने एक स्टार्टअप कम्पनी शुरू की है, जो सोलर एनर्जी सेक्टर में काम करती है और कुछ दिन पहले इसी व्यवसाय के सिलसिले अपने पैतृक गाँव फिर आया। इस बार मुझे लगभग हर रोज पेट्रोल डलवाना होता है, परन्तु इस क्षेत्र के सभी पेट्रोल पंप पर POS मशीन के बारे में पूछने पर सब इसके बारे में मना करते है और सबका एक ही उत्तर होता है, “नही लगेगा” । 

अब मैं बैंक जाकर पैसा निकालूं कि गाड़ी में पेट्रोल भरवा सकूँ, आखिर कब तक ऐसा रहेगा? जबकि ग्रामीण इलाकों के बैंको में अभी भी मुद्रा (कैश) की दिक्कत है, कैश निकालने में अभी भी परेशानी हो रही है । 

ग्रामीण परिवेश ऐसे सुविधाओं से कब तक विमुक्त रहेगा? कैशलेस व्यवस्था का हम सभी स्वागत करते है परन्तु कुछ लोगो के वजह से ये सुविधा एक दुविधा लग रही है । 

शॉपिंग मेरे ब्लॉग से:- Buy at Amazon!    Flip with Flipkart!    Shopping Snapdeal se!

मैं इस पत्र को लिखने से पहले कई ट्वीट करके सम्बंधित पेट्रोलियम कंपनी और पेट्रोलियम मंत्री माननीय धर्मेन्द्र प्रधान जी को अवगत करा चुका हूँ, परन्तु इस मामले में अभी तक कोई अनुरूप फल देखने को नही मिला है। मेरा ट्वीटर हैंडल है rajeshwarsh. 

इस पत्र को अपने ब्लॉग पोस्ट के साथ साथ मैं आपके प्रत्येक महीने के रेडियो कार्यक्रम “मन की बात” के लिए भी प्रेषित कर रहा हूँ। मुझे ख़ुशी होगी, अगर इस पत्र को आप अपने रेडियो कार्यक्रम में सम्मिलित करें और भारतीय जनता के साथ साथ धनाढ्य को कैशलेस होने के लिए प्रेरित करें। 

शेष फिर....... 

पत्र: ७ 
राजेश्वर सिंह (#rajeshwarsh) 
कुशीनगर, भारत