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Saturday, March 18, 2017

पत्र: ११ १८ मार्च २०१७)

पत्र: ११ (१८ मार्च २०१७)

देश में मोदी प्रदेश में योगी 


पत्र श्रृंखला के आज के अंक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को पत्र,


अभी कल ही मैंने एक पत्र लिखा था, जो की यौन उत्पीड़न पर एक खुला पत्र था। आज मैं उत्तर प्रदेश के भावी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नाम एक पत्र लिख रहा हूँ। योगी जी आपको प्रणाम एवं आपको बहुत बहुत बधाई!

ये जीत विकास के नाम पर या यूँ कहें कि मोदी जी के नाम पर मिली है, मैं अपना मताधिकार का प्रयोग नही करना चाहता था परन्तु मैंने संविधान द्वारा दिए गए इस अधिकार का प्रयोग किया। ये लहर २०१४ जैसी मोदी जी की लहर थी जो प्रतिनिधि को दरकिनार कर लोगो ने मत दिए।

मैंने गोरखपुर में अपने जीवन के आठ साल गुजारे है, अपने शिक्षा के अहम् आठ साल। ख़ुशी होती है कि एक ऐसे पवित्र शहर से जुड़ा हुआ हूँ, जिसमे सभी धर्म के लोग धार्मिक-सद्भाव से रहते है। आज क्योंकि आप प्रदेश के मुख्यमंत्री बन रहे है, इसलिए हम पूर्वांचलियों के लिए बहुत सारे सपने सच होंगे ऐसा प्रतीत हो रहा है। पूर्वांचल के विकास में जो काम माननीय वीर बहादुर सिंह जी ने किया था, उसे अब जाकर गति मिलेगा वरना भूतपूर्व मुख्यमंत्री गण केवल चुनावी प्रक्रिया के लिए पूर्वांचल का दर्शन करते थे, विकास के लिए नही।

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१९९८ से आप गोरखपुर से सांसद रहे है और गोरखपुर के लिए कई अभूतपूर्व विकास कार्य करवाये, और आशा है कि अब बाबा गोरखनाथ की कर्मभूमि गोरखपुर में तरक्की का मार्ग प्रशस्त होगा। कुछ कार्य का यहाँ जिक्र करना चाहूँगा, जो जनता के बीच चर्चित है:-

  • गोरखनाथ अस्पताल का स्थापना
  • मेडिकल कॉलेज का मान्यता यथावत रखना
  • जापान इंसेफेलाइटिस के लिए मेडिकल कॉलेज में अलग से वार्ड की स्थापना
  • गैस सिलिंडर भरने के लिए संयंत्र का स्थापना
  • एम्स की स्थापना
  • खाद कारखाना का पुर्नजन्म

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अब मैं चाहूँगा कि आप पूर्वांचल की आर्थिक दशा को और मजबूत करें जिससे कि यहाँ से मजदूर और पेशेवर/इंजीनियर इत्यादि का पलायन रुके और यहाँ का विकास हो।

  • वीडा और गीडा में उद्योगों की स्थापना, 
  • गोरखपुर में आईटी पार्क, 
  • कुशीनगर में विश्स्तरीय एयरपोर्ट की अविलम्ब शुरुआत, 
  • चीनी मिलों का पुर्नउद्धार, 
  • बाढ़ से बचने के लिए क्षेत्र में नदियों, नहरों और बाँधो की मरम्मत, 
  • क्षेत्र में कोल्ड स्टोरेज स्थापना,
  • गोरखपुर के दोनों विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा,
  • गोरखपुर से शहरीय/अंतर्राज्यीय परिवहन की दुरुस्त व्यवस्था
  • गोरखपुर में जंक्शन के अलावा एक और विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन,
  • चौरी-चौरा शहीद स्मारक को एक पर्यटक स्थल के रूप में विकास,
  • राज्य में स्थित धार्मिक स्थलों तक यातायात की दुरुस्त व्यवस्था,
जो विकास आजादी के ७० सालों में नही हुए वो आने वाले कुछ सालों में प्रशस्त हो, इन्ही शब्दो के साथ आपके आशीर्वाद के लिए शुभेक्क्षु, राजेश्वर। 


शेष फिर,
पत्र: ११  
राजेश्वर सिंह
नई दिल्ली, भारत
#rajeshwarsh

Sunday, February 19, 2017

पत्र: ६ (१९ फरवरी २०१७)

पत्र: ६ (१९ फरवरी २०१७)

पत्र चुनावी दंगल के उम्मीदवारों और उनके स्टार प्रचारको को, जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से चुनावी दंगल में सम्मिलित है।


माननीय नेताओ और नेत्रियों,
सादर नमस्कार,

आशा है आप जहाँ भी होंगे सकुशल होंगे और प्रजातंत्र में राजतंत्र जैसे सुख-सुविधाओं का जबरदस्त उपभोग कर रहें होंगे। इस पत्र को लिखते वक्त देश के बड़े जनसँख्या वाले राज्य में विधानसभा चुनाव चल रहा है और सभी दल विरोधी दलों की बखिया उधेड़ने में लगे हुए है। इन्ही अधोलिखित चुनाव प्रचार में भाषणों, कथनों, कृत्यों, कारनामों, साक्ष्यो इत्यादि को ध्यान में रखते हुए इसे लिख रहा हूँ, आशा है ये पत्र आपके दिलोदिमाग़ पर कुछ प्रभाव डाले और आप आने वाले दिनों मे देशहित में ज्यादा सोचे।

आजकल के डिजिटल युग में सब नेता लोग एक दूसरे से अच्छा दिखने के होड़ में लगे हुए है। किसी दल का काम बोलता है तो कोई परिवर्तन चाहता है। किसी दल को जाति-धर्म के आधार पर वोट चाहिए कि आलिशान मकान बनवा लें तो किसी के लिए परिवार में ही नेताओं की लंबी फ़ेहरिश्त चाहिए। ये लोग शायद घर पर भी नेतागिरी करना चाहते है या फिर इनको विधानसभा-संसद में पारिवारिक माहौल चाहिए।

काम बोलने से याद आया, अगर काम ही बोलता है तो गठबंधन क्यों? इसी गठबंधन का एक दल तो ऐसा है जो गठबंधन के दूसरे दल के ख़िलाफ़ कुछ दिनों पहले लोगो के बीच जा-जाकर खटिया बिछा कर विरोध कर रहा था, पर जब खटिया ही लूट ली गई तो मरता क्या ना करता, कैरियर पर बैठ लिए। वैसे भी इस दल के युवा(केवल कहने के लिए युवा) नेता जो उम्र के मामले में तो अर्धशतक लगाने वाले है, परन्तु अभी तक इनसे कभी आधिकारिक तौर पर खटिया चरमराने-टूटने का खबर नही मिला है।

वैसे तो चुनाव आयोग ने कमर कस कर रखी है, नियमो के अनुसार पालन कराने के लिए फिर भी भारतीय हमेशा जुगाड़ निकाल ही लेते है। कुछ उम्मीदवारों ने तो अपने ही खिलाफ एक या एक से अधिक उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे है जिससे कि तथाकथित उम्मीदवार को चुनाव प्रचार के लिए कई वाहनों, प्रचारको का इंतेजाम हो सके। इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि शायद ही कोई कर सके, परन्तु इस चुनाव दंगल में ये सब हो रहा है।

वैसे तो आप लोगो के कारनामे भी पढ़कर परमानन्द की अनुभूति होती है। ये तो चुनावी दंगल है, और जनप्रतिनिधि बनने के लिए आप लोगो में से अधिकतर ने अपने जीवनकाल में ऐसे ऐसे कृत्य किये होंगे जिसे सामाजिक और क़ानूनी तौर पर वैध नही माना जाता फिर भी आप लोग महान है। आपके लिए सब कुछ छूट है, चाहे जोर जबरदस्ती करे, बलात्कार करे, क़त्ल करे या अतिक्रमण करे, आदि आदि कृत्य अनादि काल से आप लोगो के लिए जायज है। 

आप लोग अपने इलाके में एक अलग ही सरकार चलाने लगते हो, वो चाहे लोगो से वसूली करनी हो या फिर चौराहों पर वसूली, ठेका दिलवाना हो या फिर किसी को ठोक पीट कर ठीक कराना हो। 

आप लोग पुलिस को तो मुट्ठी में लेकर चलते है, जब चाहे जैसा चाहे मौका-ए-वारदात पर उनका खुल कर इश्तेमाल कर लेते है।

चाहे जैसा माहौल हो, चाहे आप जेल में हों या घर पर, आप लोगों की सेवा भाव आपके भरे पुरे खाते पीते शरीर में दिखता है। वोट करने वाली जनता पतली दुबली ही रहती है परन्तु आप लोगो की बलिष्ठ शरीर आपके सेहत का एक झलक पेश करता है। 

वैसे भी आप लोगो की वजह से ही तो जनता की छद्म सेवा की जाती है, वरना तो सारे सरकारी नौकर (माफ़ करियेगा नौकरी करने वालों को नौकर कह रहा हूँ) कर्मचारी निठ्ठले है, जिनके कानों पर जूं नही रेंगती। 

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आप ही लोगो की वजह से तो किसान खेत में फसल उगाता है वरना तो वो भूखे मर जाएगा। देश के एक बड़े मंत्री ने चुनावी प्रचार में कहा, "हम इस प्रदेश के किसानों की तकदीर बदल देंगे", उनके इस कथन पर एक किसान केवल यही कहना पसंद करेगा, "बेटा जिस विश्वविद्यालय से जिस समय तुमने राजनीति शुरू किया, वो क्षेत्र उस समय गन्ना उत्पाद में विश्व भर में प्रथम स्थान पर था। पर तुम तो बेटा प्रदेश के मुख्यमंत्री भी बने, देश के केंद्रीय मंत्री भी बन गए पर आज चीनी आयात कर रहे हो। तुमसे ना बेटा, कभी ना हो पाएगा। इसीलिए बेटा हम कह रहे है तुम अपने बेटे का तकदीर केवल बदलो और उसको राजनीति में स्थापित करवाओ-खिलाओ बाकि हमारी तकदीर क्या घंटा बदलोगे? तुम्हारी औकात नही है| एक बात है देश के प्रहरी पर भरोसा है, जो देश की तरक्की में तार्किक ध्यान दे रहा है।"

आप लोग भविष्य को ध्यान में रखते हुए अपने परिवार के सात पीढ़ियो के खर्च के लिए कमाई कुछ सालों में कर जाते हो और देश को उसी हालात में रहने को मजबूर करते हो| अगर साफ़ शब्दो में बोला जाये, तो यही कि तुम लोग अपनी सोच बढ़ा कर राष्ट्रहित में काम भी करो कब तक एक ही बंदा सोचेगा और एक्शन लेगा।

शेष फिर....... 
पत्र: ६
राजेश्वर सिंह (#rajeshwarsh) 
गोरखपुर, भारत

Wednesday, January 4, 2017

पत्र: ४ (४ जनवरी २०१७)

पत्र: ४ (४ जनवरी २०१७)

पत्र उत्तर प्रदेश के मतदाताओ के साथ साथ, प्रधानमंत्री जी, चुनाव आयोग और चुनाव विश्लेषकों को, 

प्रिय भारतवासियों, 
प्रणाम!
आशा है आप सभी सकुशल है और देश के विकास में अपना योगदान, अपनी कोशिश कर ही रहे होंगे। 
आज ही चुनाव आयोग ने देश के कुछ प्रदेशो के विधान सभा चुनाव के लिए तिथि तय किया है, जब चुनाव के चरणों और तिथियों पर नजर पड़ी तो सोचने पर मजबूर कर दिया। उत्तर प्रदेश बहुसंख्य जनमानस का प्रदेश है। हर जगह के जैसे यहाँ भी चुनाव को एक त्यौहार जैसे माना जाता है। अखबारों में कुछ और नही पढ़ने को होता तो, टीवी पर चुनाव समाचार और उनसे जुड़ी जानकारी के अलावा कुछ और नही दिखता। सब इसी त्यौहार में मदमस्त हुए होते है। 
आम चुनाव २०१४, ७ अप्रैल २०१४ से १२ मई २०१४ तक नौ चरणों में पूरा किया गया, इन चरणों को पूरा करने में ३६ दिन लगे, जबकि उत्तर प्रदेश का विधान सभा चुनाव ७ चरणों में पूरा होगा जिसमे २८ दिन लगेंगे।
इसके पहले के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव २६ दिन (२०१२) और ३२ दिन (२००७) में पूरा किया गया था। 

इतने दिनों के लिए प्रदेश स्तर, जिला स्तर, गांव स्तर के सरकारी महकमा परियोजनाओं को छोड़, चुनाव में व्यस्त रहता है।  क्या हम सही में उन्नति कर रहे हैं? तकनीकी में आगे बढ़ने के साथ क्या हम उन तकनीक का प्रयोग और संवर्धन आम जनमानस से ऐसे मौके पर नही कर सकते? आखिर कब तक समय और पैसे का दुरूपयोग होते रहेगा?
मेरे अनुसार ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, विधान सभा, विधान परिषद् और लोक सभा चुनाव सब एक साथ होने चाहिए वो भी इलेक्ट्रॉनिक मतदान की सहूलियत के साथ, आज कैशलेस के साथ इसकी भी जरुरत है। 

शेष फिर........ 

पत्र: ४ 
राजेश्वर सिंह (#rajeshwarsh)
नई दिल्ली, भारत