Wednesday, January 4, 2017

पत्र: ४ (४ जनवरी २०१७)

पत्र: ४ (४ जनवरी २०१७)

पत्र उत्तर प्रदेश के मतदाताओ के साथ साथ, प्रधानमंत्री जी, चुनाव आयोग और चुनाव विश्लेषकों को, 

प्रिय भारतवासियों, 
प्रणाम!
आशा है आप सभी सकुशल है और देश के विकास में अपना योगदान, अपनी कोशिश कर ही रहे होंगे। 
आज ही चुनाव आयोग ने देश के कुछ प्रदेशो के विधान सभा चुनाव के लिए तिथि तय किया है, जब चुनाव के चरणों और तिथियों पर नजर पड़ी तो सोचने पर मजबूर कर दिया। उत्तर प्रदेश बहुसंख्य जनमानस का प्रदेश है। हर जगह के जैसे यहाँ भी चुनाव को एक त्यौहार जैसे माना जाता है। अखबारों में कुछ और नही पढ़ने को होता तो, टीवी पर चुनाव समाचार और उनसे जुड़ी जानकारी के अलावा कुछ और नही दिखता। सब इसी त्यौहार में मदमस्त हुए होते है। 
आम चुनाव २०१४, ७ अप्रैल २०१४ से १२ मई २०१४ तक नौ चरणों में पूरा किया गया, इन चरणों को पूरा करने में ३६ दिन लगे, जबकि उत्तर प्रदेश का विधान सभा चुनाव ७ चरणों में पूरा होगा जिसमे २८ दिन लगेंगे।
इसके पहले के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव २६ दिन (२०१२) और ३२ दिन (२००७) में पूरा किया गया था। 

इतने दिनों के लिए प्रदेश स्तर, जिला स्तर, गांव स्तर के सरकारी महकमा परियोजनाओं को छोड़, चुनाव में व्यस्त रहता है।  क्या हम सही में उन्नति कर रहे हैं? तकनीकी में आगे बढ़ने के साथ क्या हम उन तकनीक का प्रयोग और संवर्धन आम जनमानस से ऐसे मौके पर नही कर सकते? आखिर कब तक समय और पैसे का दुरूपयोग होते रहेगा?
मेरे अनुसार ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, विधान सभा, विधान परिषद् और लोक सभा चुनाव सब एक साथ होने चाहिए वो भी इलेक्ट्रॉनिक मतदान की सहूलियत के साथ, आज कैशलेस के साथ इसकी भी जरुरत है। 

शेष फिर........ 

पत्र: ४ 
राजेश्वर सिंह (#rajeshwarsh)
नई दिल्ली, भारत

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Rajeshwar Singh;
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