Wednesday, March 30, 2011

देखा तुझे मै

Hi I am Rajeshwar Singh from Hyderabad INDIA.........

Date & Time: 30th March'11, 6:51PM
I am happy to write this idiotic emotions:


देखा तुझे मै जब कभी भी
चेहरा कि लाली य़ू बढ़ गयी
पीकर तेरे आँखों की शोहबत 
ये दिल बिन पीये, नशीली हो गयी
जब भी तुमसे प्यार किया मै
सारे गम पल भर में मिट गए
किस्मत का लिखा ना कोई जाने
कल थे पराये, आज हम इक हो गये
सबकी आँखों में आँखे दिखने लगी
कुछ यूँ तुम्हारी इबादत हो गयी
यादों के पहलु में तुम कुछ ऐसे बैठे
और किसी की फिकर ना रह गयी
देखा तुझे मै जब भी कहीं भी
चेहरा कि लाली य़ू बढ़ गयी
यादों को सिरहाने लेकर बैठा था मै
जब तुम मिले थे मुझसे उस कोने में 
हाथो में हाथ अब आ गये है 
बाकी मंजिल भी य़ू ही मिल जाएगी
तेरा साथ जो मिल गया है
बाकी मंजिल भी मुझे मिल जाएगी

'देखा तुझे मै'
By: राजेश्वर सिंह 'राज़्श'

Tuesday, March 29, 2011

'आखिर क्यूँ'

Hi I am Rajeshwar Singh from Hyderabad, INDIA.........

Date & Time: 29th March'11, 5:25 PM
ये जिंदगी भी काफी अजीब है, 
जो भी सोचो कि ये कर लूँगा आज
वो होता ही नही
और जो ना सोचो
वो हो जाता है
पल भर में खुशिया
तो अगले ही पल गम मिल जाते है
सोचो जीने को खुशियों के साथ
तो गम परेसान करने लगते है
यादों के सहारे जीने की सोचो 
तो यादें ही मिट जाती है
गर एक के साथ बात कर लो
तो सबकी याद आ जाती है
ऐसा क्यों होता है जिंदगी में 
क्यों पल ठहर नही जाता 
कुछ समय के लिए ही सही
ख़ुशी या गम तो बनी रहती
आखिर क्यूँ होती है ये सब....
..............आखिर क्यूँ????


आखिर क्यूँ:
By: राजेश्वर सिंह 'राज़्श'