Friday, March 3, 2017

पत्र: ८ (३ मार्च २०१७)

पत्र: ८ (३ मार्च २०१७)

पत्र कल होने वाले मतदान में मत देने वाले मतदाताओं को,

प्रिय मतदाताओं,
नमस्कार!
आशा अनुरूप आप लोग भी हमारे जैसे एक बेहतर समाज के लिए मतदान करेंगे या करने को सोच रहे होंगे और कहीं ना कहीं एक आस लगाए होंगे कि आगामी चुना हुआ प्रतिनिधि आने वाले पाँच सालो में देश/प्रदेश निर्माण के लिए बेहतर काम करें।

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इस समय मैं भी अपने निवास स्थान पर हूँ, जहाँ से मैं एक मतदाता के तौर पर पंजीकृत हूँ। इस चुनावी गर्मी में, कुछ राजनीतिक और गैर राजनीतिक व्यक्तित्व से कुछ चुनावी पहलुओं पर परिचर्चा हुई। इन्ही कुछ परिचर्चाओं में लोगो के अंदर राज्य सरकार से फैली निराशावाद और केंद्र सरकार के आशावादी विचारधारा ने लोगो को भाजपा के तरफ मोड़ा है। माहौल की बात करें तो केंद्र सरकार के नोटबंदी फैसले ने कहीं ना कहीं लोगो के मन में एक सकारात्मक विचार पैदा कर दिया है। मतदाता २०१४-लोकसभा चुनाव के जैसे मोदी के नाम पर मतदान करने जा रहे या फिर जाएँगे।

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परन्तु कहीं ना कहीं प्रदेश राजनीति से जुड़ा हुआ भाजपा प्रतिनिधित्व कमजोर नजर आ रहा है। प्रदेश में भाजपा प्रत्याशियों का गलत चुनाव, दल-बदलुओ को प्राथमिकता कहीं ना कहीं मतदाताओं और कार्यकर्ताओं को निराश कर रहा है। 
अगर मैं अपने विधानसभा क्षेत्र की बात करूँ तो वर्तमान विधायक १०वीं पास है जिन्हें MLA का abbreviation नही पता है, राष्ट्र गान और राष्ट्र गीत के बारे में नही पता है, फिर भी नाम के आगे डॉ लिखते है। किस विषय वस्तु अथवा रोग पर डॉक्टरी किये है, राम जाने। इस बार भी वो सपा दल से प्रत्याशी है।

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अब बात करूँ भाजपा की तो भाजपा से समर्थन प्राप्त दल ने ऐसे व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया है जो २०१२ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस दल का प्रत्याशी था, इस कारण हमारे जैसे कई मतदाता ऐसे स्थिति में है जहाँ आगे कुआँ और पीछे खाई है।
अंत में इतना ही कि NOTA (नन ऑफ़ द एबभ) प्रचलन में नही है।
मतदान करूँगा पर किसे, पता नही? आप भी मतदान करना, क्योंकि ये हमारा संवैधानिक हक़ है।

शेष फिर.....
पत्र: ८
राजेश्वर सिंह
कुशीनगर, भारत
#rajeshwarsh

Wednesday, February 22, 2017

पत्र: ७ (२२ फरवरी २०१७)


पत्र: ७ (२२ फरवरी २०१७) 

पत्र माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को


माननीय प्रधानमंत्री जी, 
सादर प्रणाम! 

आशा है आप सकुशल होंगे और कई सारे समस्याओं से जूझ रहे अपने देश भारत को तरक्की के राह पर प्रशस्त करने की कोशिश रहे होंगे। इस पत्र के माध्यम से मैं एक ऐसे मामले को आपके संज्ञान में लाने की कोशिश कर रहा हूँ जिससे, मेरे जैसे इस देश के दूर-दराज इलाकों (ग्रामीण परिवेश) में रहने वाले आम नागरिक हर दिन दो चार हो रहे होंगे। 

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पिछले साल के ८ नवम्बर को आपने राष्ट्र के नाम सन्देश में रूपये ५०० और रूपये १००० के नोटों को आधिकारिक तौर पर गैरकानूनी घोषित कर दिया। इस विमुद्रीकरण के कारण देश को एक साफ़-सुथरी और नया विचार मिला, जो समाज में फैले कुरीतियों को मिटाने में कई रूप से सहायक है और आने वाले दिनों में होगा। माननीय राजाराम मोहन राय द्वारा १८६२ ईसवी में सती-प्रथा उन्मूलन के लिए बनवाये गए कानून से अब समाज में उस समय फैली सती-प्रथा जैसी कुरीति से समाज को छुटकारा मिल चुका है। 

कुछ दिनों पहले मैं एक पेट्रोल पंप पर मोटर-साइकिल में पेट्रोल डलवाने गया, वहाँ पेट्रोल भरने वाले व्यक्ति से मैंने पूछा, “POS मशीन है?” 
“मतलब”, पेट्रोल पंप पर तेल भर रहा व्यक्ति बोला। 
“मतलब, एटीएम कार्ड से पेमेंट हो जाएगा?”, फिर मैंने पूछा। 
“नही है”, उसने बोला। 
“नेटबैंकिंग, भीम एप्प, मोबी क्विक, पेटीएम्”, मैंने फिर पूछा। 
“कुछ नही है भैया”, उसने बोला। 
“कब तक लगेगा?”, मैंने पूछा। 
“कभी नही”, उसने बोला। 
“ऐसा क्यों, सरकार तो बोल रही है कैशलेस होने को, फिर आप क्यों नही इसका फ़ायदा उठा रहे”, मैंने कहा। 
“जो भी हो, मालिक (पेट्रोल पंप) बोल रहे है कि नही लगेगा कोई ऐसा सिस्टम”, उसने बोला। 

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फिर मैंने जेब में बचे १०० रूपये का पेट्रोल डलवाया और निकल लिया। इस घटना को हुए लगभग ६५ दिन हो चुके है फिर भी आज तक इन पेट्रोल पंप पर POS मशीन नही लगी है। 

मैंने एक स्टार्टअप कम्पनी शुरू की है, जो सोलर एनर्जी सेक्टर में काम करती है और कुछ दिन पहले इसी व्यवसाय के सिलसिले अपने पैतृक गाँव फिर आया। इस बार मुझे लगभग हर रोज पेट्रोल डलवाना होता है, परन्तु इस क्षेत्र के सभी पेट्रोल पंप पर POS मशीन के बारे में पूछने पर सब इसके बारे में मना करते है और सबका एक ही उत्तर होता है, “नही लगेगा” । 

अब मैं बैंक जाकर पैसा निकालूं कि गाड़ी में पेट्रोल भरवा सकूँ, आखिर कब तक ऐसा रहेगा? जबकि ग्रामीण इलाकों के बैंको में अभी भी मुद्रा (कैश) की दिक्कत है, कैश निकालने में अभी भी परेशानी हो रही है । 

ग्रामीण परिवेश ऐसे सुविधाओं से कब तक विमुक्त रहेगा? कैशलेस व्यवस्था का हम सभी स्वागत करते है परन्तु कुछ लोगो के वजह से ये सुविधा एक दुविधा लग रही है । 

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मैं इस पत्र को लिखने से पहले कई ट्वीट करके सम्बंधित पेट्रोलियम कंपनी और पेट्रोलियम मंत्री माननीय धर्मेन्द्र प्रधान जी को अवगत करा चुका हूँ, परन्तु इस मामले में अभी तक कोई अनुरूप फल देखने को नही मिला है। मेरा ट्वीटर हैंडल है rajeshwarsh. 

इस पत्र को अपने ब्लॉग पोस्ट के साथ साथ मैं आपके प्रत्येक महीने के रेडियो कार्यक्रम “मन की बात” के लिए भी प्रेषित कर रहा हूँ। मुझे ख़ुशी होगी, अगर इस पत्र को आप अपने रेडियो कार्यक्रम में सम्मिलित करें और भारतीय जनता के साथ साथ धनाढ्य को कैशलेस होने के लिए प्रेरित करें। 

शेष फिर....... 

पत्र: ७ 
राजेश्वर सिंह (#rajeshwarsh) 
कुशीनगर, भारत