Friday, March 17, 2017

पत्र: १० (१७ मार्च २०१७)

पत्र: १० (१७ मार्च २०१७)

ये पत्र सभी के लिए है,


पिछले कुछ दिनों से एक समाचार चर्चा में है, कि एक संस्था का मुख्य कार्यकारी अधिकारी अपने कनिष्ठ कर्मचारियों से अश्लील टिप्पणी और छेड़खानी करता है। इस पत्र के लिखने का मुख्य मकसद ये है कि लोग उन दो पहलुओं की तरफ भी देखे जबकि लोग केवल एक पहलू से जुड़े हुए है।

शॉपिंग मेरे ब्लॉग से:- Buy at Amazon! Flip with Flipkart! Shopping Snapdeal se! Be Freelancer!

भँवरी देवी बलात्कार कांड ने इस देश के संविधान में महिला यौन उत्पीड़न करने पर एक कठोर सजा का प्रावधान कराया। राजस्थान की राजधानी जयपुर से पचास किलोमीटर दूर ग्रामीण आँचल में अनपढ़ और पिछड़ी जाति से ताल्लुक रखने वाली भँवरी का बलात्कार उसके गाँव के ही उच्च जाति के पाँच लोगो ने किया था। आज पचपन साल की हो चुकी भँवरी देवी साथ घिनौना कृत्य हुए लगभग २५ साल हो चुके है। परन्तु आज तक इस मामले में जयपुर उच्च न्यायालय में केवल एक बार सुनवाई हुई है और कथित पांच आरोपियों में से दो की मौत भी हो चुकी है।

आप इस अदालती मामले के बारे में बीबीसी पर जरूर पढ़िए जिसमे निचली अदालत के द्वारा दिए गए बेतुके और बेबुनियाद कारण एक महिला को हतोत्साहित करते है।

शॉपिंग मेरे ब्लॉग से:- Buy at Amazon! Flip with Flipkart! Shopping Snapdeal se! Be Freelancer!

आज से छः साल पहले एक और भँवरी कांड हुआ था वो भी राजस्थान में ही हुआ था। जिसमे आशा (नर्स/ए एन एम्) भँवरी देवी प्रदेश के कई राजनीतिक नेताओ को अपने मोहपाश में फसाकर, आपत्तिजनक अवस्था में सीडी बना ली थी और उनको करोड़ो के लिए ब्लैकमेल कर रही थी। आख़िरकार उसकी हत्या कर दी गई और सीबीआई इस मामले की जाँच कर रही है।

चर्चा में चल रहे यौन उत्पीड़न की बात करूँ तो इस मामले में दो नही तीन पहलू बनते है, पहला वो सीईओ सही में बेहूदा हरकते करता है, दूसरा एक देश के टॉप टेन स्टार्टअप में से एक होने के कारण वहाँ आपको काम ना मिल रहा हो और तीसरा कि कहीं वो कंपनी खुद अपने प्रचार के लिए ऐसे बेहूदे हथकंडे अपना रही हो।

शॉपिंग मेरे ब्लॉग से:- Buy at Amazon! Flip with Flipkart! Shopping Snapdeal se! Be Freelancer!

पहले पहलु पर चर्चा करूँ तो यहाँ ये बताना बेहतर होगा कि मर्द जाति में कुछ ऐसे होते है जो नारी जाति को देखकर लार टपकाने लगते है। अपने बल, हठ, धन इत्यादि के दम पर एक नारी को भोगविलास की वस्तु समझते है और ऐसे कुकर्म करने का प्रयत्न करते हैं। भँवरी देवी के साथ साथ आपको ऐसे कई उदाहरण मिल जाएंगे जो ऐसे पहलुओं की एक बानगी पेश करते है जैसे साढ़े चार साल पहले हुआ निर्भया कांड, डेढ़ साल पहले गुरुग्राम के एक संस्था में एक शोध छात्रा के साथ देश के नामी गिरामी निदेशक का उत्पीड़न, विशेष पंथ के एक धर्म गुरु के कृत्य, कुछ महीने पहले उत्तर प्रदेश के सड़क पर हुआ सामूहिक दुष्कर्म, या कुछ दिनों पहले हुआ कुकर्म जिसमे उत्तर प्रदेश के एक पूर्व मंत्री की गिरफ़्तारी हुई। ऐसे मामले मीडिया में बहुत चर्चित होते हैं परन्तु इस कलयुग में किसी पर आरोप सिद्ध कर पाना बहुत मुश्किल है, कुछ मामलों में ही सजा मुकर्रर हो पाती है जैसे आज से तेरह साल पहले धनंजय चटर्जी को फाँसी दी गई अठारह साल की लड़की के साथ बलात्कार और हत्या के जुर्म में, वो भी कुकर्म करने के चौदह साल बाद। ऐसे में कइयों को लगता है कि इस देश में कुछ भी कर लो, कानून कुछ नही करेगा, टरकाने के सिवा।

शॉपिंग मेरे ब्लॉग से:- Buy at Amazon! Flip with Flipkart! Shopping Snapdeal se! Be Freelancer!

अब बात करता हूँ दूसरे पहलू की, जहाँ दफ़्तर में काम कर रहे मर्द और औरत के बीच मर्ज़ी (सहमति) से बना हर संबंध, चाहे वो दोस्ताना हो या फिर 'सेक्शुअल', वो उत्पीड़न नहीं है। सहमति से किया मज़ाक, तारीफ़ या उसमें इस्तेमाल की गई 'सेक्शुअल' भाषा में कोई परेशानी नहीं है। किसी से कस कर हाथ मिलाना, कंधे पर हाथ रख देना, बधाई देते हुए गले लगाना, दफ़्तर के बाहर चाय-कॉफ़ी या शराब पीना, ये सब अगर सहमति से हो तो इसमें ग़लत कुछ भी नहीं है। परन्तु यही आपसी सहमति जब फायदेमंद नही होती तो अपने फायदे और दूसरे के नुकसान के लिए आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल पड़ता है वैसे आरोप-प्रत्यारोप से पहले मामले को रफा-दफ़ा करने के लिये नेगोशिएशन्स होते है। इस मामले में अधिकतर पुरुष जाति प्रताड़ित होती है। इस प्रताड़ना से शायद ही कोई उबर पाता है।

शॉपिंग मेरे ब्लॉग से:- Buy at Amazon! Flip with Flipkart! Shopping Snapdeal se! Be Freelancer!

तीसरा पहलू की बात करें तो कई कंपनिया अपने किसी प्रोडक्ट के प्रचार के लिए ऐसे उल-फजूल के खबरें निकालते है। और अगर उसी ढर्रे पर ये भी कंपनी चल रही है तो ऐसा इसलिए क्योंकि इनके कई कंपटीटर मार्केट में आ गए है, और वो भी बेहतर मनोरंजन करा रहे है। 

अब इस मामले के पीछे क्या सच्चाई है, वो तो आने वाला वक्त बतायेगा। 

इस पत्र को लिखने का खास मकसद यही है कि आप हर एक पहलू को देखकर किसी के बारे में कोई विचार बनाए, क्योंकि ये कलयुग है। यहाँ सबको ज्ञान देने वाले खुद अज्ञानी होते है और एक फ़कीर बहुत कुछ बता जाता है।

इस पत्र पर अपने टिप्पणी (कमेंट) जरूर दीजिये और एन्जॉय कीजिए शॉपिंग इस ब्लॉग से करके,

शेष फिर,
पत्र: १० 
राजेश्वर सिंह
नई दिल्ली, भारत
#rajeshwarsh

Sunday, March 5, 2017

पत्र: ९ (५ मार्च २०१७)

पत्र: ९ (५ मार्च २०१७)

पत्र श्रृंखला के आज के अंक में एक प्रेमी का पत्र एक भूतपूर्व प्रेमिका को जिसकी शादी कई साल पहले हो गई,

डिअर एक्स,
आशा है सकुशल होगी और अपने पति के साथ मौज कर रही होगी। इस पत्र को लिखने के पीछे का उद्देश्य सिर्फ यही है कि मैं तुमसे वो सब कह जाऊं जो पिछले कुछ दिनों से महसूस कर रहा हूँ। तुम ये जरुर सोच रही होगी कि आखिर इतने सालों बाद क्या जरूरत पड़ी, जो तुम्हे पत्र लिख रहा हूँ। जो इंसान तुम्हे शादी की बधाई ना दिया, तुमसे बात करना छोड़ दिया, आज पत्र क्यों लिख रहा है।

शॉपिंग मेरे ब्लॉग से:- Buy at Amazon! Flip with Flipkart! Shopping Snapdeal se! Be Freelancer!

कल मेरी शादी है अभी रात के दो बज रहे है कुछ ही पलों में सुबह हो जायेगी और समारोह के विभिन्न अनुक्रमों में व्यस्त हो जाऊँगा। मैं ये पत्र व्हाट्सएप्प पर लिख रहा हूँ, जानती हो क्यों? क्योंकि जबसे मेरी शादी फिक्स हुई है हमेशा मेरे दोस्त तुम्हारी याद दिला रहे है और मैं चाहता हूँ की शादी के बंधन में जुड़ने से पहले मैं अपने अन्दर की बातों को तुमसे साझा कर दूँ। तुमको शायद नहीं पता पर तुम्हारे लिए मैंने अपने कई करीबियों के दिल को चाहे-अनचाहे दुःख पहुचाया है। तुमसे मिलने के लिए मैं छात्रसंघ चौराहे पर अपने दोस्त को मोटरसाइकिल से उतार देता था, क्योंकि वहाँ से तुम साथ आती थी और बेचारा दोस्त वहाँ से मोहल्ले तक पैदल जाता था।

शॉपिंग मेरे ब्लॉग से:- Buy at Amazon! Flip with Flipkart! Shopping Snapdeal se! Be Freelancer!

तुम्हारे जिद करने पर डोसा खाने के लिए जब चौधरी रेस्तरा जाते थे तो डोसा के साथ साथ तुम्हारी मंचूरियन और फ्राइड राइस की चाह हो जाती थी। इस चक्कर में बजट ढीला हो जाता था, अन्दर ही अन्दर परेशान हो जाता था, तुम्हे कैसे पता होगा, तुम तो खाने और खिलाने में व्यस्त होती थी। तुम्हे पता है? कईयों बार मैं पेसाब करने के बहाने बाथरूम जाता था पर वो पेसाब करने नही बल्कि बिल पेमेंट करने के लिए या तो दोस्त को फ़ोन करने जाता था या फिर पैसे लेने (जो वो दस किलोमीटर आकर देते थे)।

शॉपिंग मेरे ब्लॉग से:- Buy at Amazon! Flip with Flipkart! Shopping Snapdeal se! Be Freelancer!

तुम्हे तो याद नही होगा पर मुझे आज वो दिन अच्छी तरह याद है जब यूनिवर्सिटी में तुम्हारा प्रोग्राम था और उसके लिए मैं दुसरे शहर से आया था जबकि मुझे उस सभागार में प्रवेश ही नहीं मिला था क्योंकि मैं युनिवर्सिटी से नही था? याद आया? थोड़ा सोचो शायद याद आ जाए। 
कई सारी यादें है तुम्हारे साथ के, जो मिटे नही। वैसे मैंने कोई खास कोशिश भी नही किया कि उन यादों को मिटा दूँ। 
एक चीज तो तुम्हे बताना भूल ही गया, जो मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। वैसे भी तुम्हे तो पता ही होगी और इसे बताते हुए मुझे हँसी भी आ रही है, आज वो बात सच हो रहा है जो मैं तुमसे अक्सर कहा करता था कि मेरी शादी अगर तुमसे नही हुई तो तुम्हारी सहेली से होगी और ये बात आज सच हो रहा है। ये एक अरैंजड मैरिज है और ये बात भी मेरी दीदी ने मुझे कुछ दिन पहले बताया। वैसे भी तुम्हारी सहेली तुमसे तो समझदार है, जानती हो क्यों? क्योंकि वो हर उस चीज़ का ख्याल रखती है जिसके लिए मैं कभी सोचता था कि तुम ख्याल रखो। 

शॉपिंग मेरे ब्लॉग से:- Buy at Amazon! Flip with Flipkart! Shopping Snapdeal se! Be Freelancer!

तुम मेराबर्थडे तक नही विश करती थी, और तुम्हारी सहेली ने मुझे गिफ्ट दिया, क्या दिया है, जानना चाहती हो? वही जो तुमसे कभी जिक्र किया था, मेरा खैर अब तुमसे क्या! तुम अपने में खुश रहो और मैं भी खुश रह लूँ। दो तीन दिन पहले तुम्हारी सहेली ने बताया कि तुम शादी में शायद आ रही हो, इसलिए मैंने सोचा कि कुछ तो लिखूँ तुम्हारे बारे में जो तुम पढ़ लो जिन्हें मैं सामने जगजाहिर ना कर पाऊं, और ये सलाह तुम्हारी सहेली ने ही दिया है कि एक पत्र लिखकर अपने बातें साफ़ साफ़ रख दो, इसलिए मुझे कोई डर भी नही। 
तुम्हे शादी की काफी देर बाद शुभकामनाए!

शॉपिंग मेरे ब्लॉग से:- Buy at Amazon! Flip with Flipkart! Shopping Snapdeal se! Be Freelancer!

तुम्हारे सहेली के आने से,
मेरी आने वाली जिन्दगी दिलचस्प होगी। 
आज जज्बातों पर साथ दी, 
कल कई और सपनो में साथ होगी ॥ 

तुम्हारे सहेली का आर!



पर्सनल नोट: इस पत्र को मुझसे (राजेश्वर) से जोड़कर ना पढ़े, इस पत्र की कहानी सत्य है परन्तु नाम, जगह और तिथियाँ बदल दी गई है। इसे पढ़े और अपने मित्रो के साथ शेयर करें।
और जब भी मेरी कृतियाँ पढनी हो या ऑनलाइन शॉपिंग करें, गूगल पर RAJESHWARSH सर्च करके मेरे ब्लॉग पर जरुर आए। 
धन्यवाद!