Friday, March 4, 2011

साथ तुम्हारा

Hi I am Rajeshwar Singh from Vizag, INDIA.........

Date: 4th March'11 at 9: 50 PM in the memories of my soul's feeling.

मै दिन-रात ये सोचता हूँ,
हर पल ये चाहता हूँ
तुम रूठो मै मनाऊं
मै रूठू तो तुम मनाओ
रूठना-मनाना खेल करू तुम्हारे सायो की
महसूस हो नरमी तुम्हारे हाथो की
सांसो में महक हो तुम्हारे गेसुओ की
कानो में खनक हो तुम्हारे बोलो की
संगीत सुनु मै तुम्हारे गीतों की
मेरे चेहरे पर झोके तुम्हारे दुपट्टे की
सिरहाने तुम बैठो तकिया के जैसे
डूब जाऊं मै तुम्हारे बातो में ऐसे ही
चूमता रहूँ तुम्हारे अल्फाजो को ऐसे ही......




साथ तुम्हारा
By: राजेश्वर सिंह 'राज्श '

Monday, February 14, 2011

क्या कहू

Hi I am Rajeshwar Singh from Visakhapatnam,  INDIA.........

मै तुमसे क्या कहू, प्यार कहू या फिर इकरार
वैसे तो सब कह देता हू तुमसे बिना कहे हुए
बता देता हू मै अपने अल्फाजो को
बिना बताए हुए, बिना सुनाये हुए

क्यू तुम्हे खोने का डर सा लगता है
हाथ छूटने का डर सा लगता है
गर तुम दिख जाओ मेरे सपनो में भी तो
सारा दिन ख़ुशी से गुज़र जाता है

तुम सुनाओ अपने इक छोटी सी दर्द भी तो
मै उसको सिरीयसली ले लेता हू
मेरे आँखों में आंसू आ जाते है
जब भी तुम्हारा मन दुखी होता है

मै कह देता हू हर इक बात तुमसे
सुना देता हू अपने दिल की हाल तुमसे
शायद तुम्हे नही है मालूम ये बाते 
शायद तुम्हे नही मालूम मेंरे बारें में


क्या कहू
By: राजेश्वर सिंह 'राज्श '