Friday, November 26, 2010

"इलज़ाम मुझ पर"

Hi I am Rajeshwar Singh From Gorakhpur INDIA.........

Date: 23rd May'10
Time: 2:35 PM

मुझ पर है सैकड़ो इलज़ाम 
मेरे साथ ना चला करो
होने लगेगी तुम पर भी छीटाकशी 
बढ़ जाएगी इल्जामो की गिनती
कर बैठूँगा कुछ मै उन लोगो से
जो करेंगे छीटाकशी तुम पर
हम रहे अकेले तन्हा अभी सही है
पर बातें य़ू ही करते रहेंगे
जब भी चलना अकेले कहीं पर
महसूस करना मुझको अपने पास
हाथ मेरा है तुम्हारे हाथ में
साथ मेरा है तुम्हारे साथ
मै हूँ हर पर पल तुम्हारे पास तुम्हारे साथ. 

इलज़ाम मुझ पर--
राजेश्वर सिंह 'राज्श'

"तुम्हारी यादें"

Hi I am Rajeshwar Singh From Gorakhpur INDIA.........
स्थान- लखनऊ
दिनांक- २३ अक्टूबर'10
समय- १:३० रात

यादें बनकर उभरती है
तुम्हारे माथे की खुबसूरत लटें
मुस्कुराने पर इक चाहत सी जगाती है
चेहरे की वो कातिलाना मुस्कुराहटें
तन्हा बैठने पर याद आती है
लब वो तुम्हारे, मैगी खाते फ्रूटी पीते
जब भी मेरे ये आँखें झपकती है
ख्याल आता है वो मासूम पलकें
अनुभव मुझको, अपनेपन का कराती है
वो काज़ल वाली तुम्हारी आखें
ज़ेहन में इक जादू सा चलती है
वो धक्-धक् करती तुम्हारी सांसें
सारे दुःख-दर्द मिट जाती है
जब हो जाती है बातें तुमसे 
हमारा साथ इस दुनिया को ये सिखाती
मुझमे-तुझमे है अपनापन, चाहे हो जितने लड़ाई-झगडे
तर्क-वितर्क हम-तुम में होती ही रहती है
इक-दूजे के और करीब लाती है हमारी बातें

तुम्हारी यादें--
राजेश्वर सिंह 'राज्श'