Tuesday, December 18, 2012

वाक अगेंस्ट रेप ..........

आज सुबह जब अखबार उठाया तो पहले पन्ने पर ही एक सामूहिक दुष्कर्म का मामला पढने को मिला, ये दुखद समाचार सुनकर बहुत दुःख हुआ, उस पर ये मामला देश की राजधानी में! मैं दिल्ली पुलिस की बहुत तारीफ़दारी करता था, जब देखो तब नाकाबंदी, और पुलिस के बन्दे चेकिंग के लिए मुस्तैद, पर इस समाचार को सुनकर बहुत ही आघात पहुंचा, मैं बस ये चाहता हूँ की अपने भारत में भी क़ानून इतना कठोर और तेज कार्यवाई वाली बने कि ऐसे दरिंदो को ज़ल्दी से ज़ल्दी सज़ा मिले................

वाक अगेंस्ट रेप 

Thursday, December 13, 2012

मेरे शब्द : एक श्रद्धांजलि




हमसे दूर होकर ‘चाचा जी’ आप जिंदा हो, हमारे यादों में:-
ये शब्द मैं अपने परिवार “सिंह कुटुंब” की तरफ से स्व* श्री उमा शंकर सिंह को श्रद्धांजलि स्वरुप लिखा हूँ:-

इस तरह अचानक हमारा साथ छोड़ चले जाना. साँसों से रूठकर हम सभी से रिश्ता तोड़ जाना |
झोके की तरह हमारे जिंदगी से दूर हो जाना, भगवान् ने फिर से हैं बताया अंत में है रुलाके जाना ||
अब हमारे साथ है आपके यादों का पुलिंदा, आपके आशीर्वादों, आपके विचारो का सहारा|
अपने नन्हे पग से हम चढ़ रहे है ऊपर की तरफ, अब तो है बस मंजिलो को पाना ||

हे भगवान्! चाचा जी के आत्मा को शांति दीजिये.............