Tuesday, May 17, 2016

पल भर का प्यार‬: ९

#‎पल_भर_का_प्यार‬: ९



गर्मी के मौसम से दिल्ली में त्राहि मच रही है, अखबार में हर अगला दिन गर्मी के अधिकतम स्तर को छूने लगा है। इस गर्मी के मौसम में इंसानों, जन्तुओ, फूल, पत्तियों, पेड़ो के साथ साथ आईपीएल मैच में भी गर्मी अपने उच्च स्तर पर पहुँच रहा है। पिछले मैच में आरसीबी के कोहली और एबी ने तो अपनी गर्मी शतक बनाकर निकाल दिया वो भी २०-२० मैच में! वैसे तो उत्तराखंड राज्य ठंडा प्रदेश है फिर भी पिछले कुछ दिनों से राजनीति से मौसम बहुत गर्म हो रखा था, माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश पर दो घंटे के समय में रावत ने बहुमत साबित करके अपनी सरकार बना लिया।

इधर अमोल को रात को १२ बजे तक मैच देखने के बाद दोस्तों से बात करते और ऑफिस का काम ख़त्म करते करते २ बज जाते है। रात को मच्छरों और गर्मी के प्रकोप के कारण नींद पूरी करते करते सुबह के लगभग नौ-दस बज ही जाते है, पर पिछले कुछ दिनों से अमोल सुबह-सुबह सूर्योदय के पहले जागने लगा हैं। सोये चाहे जितने बजे सुबह ६ बजे से पहले जागना होता है, सुबह तरोताजा होने के बाद पार्क में जाकर दौड़ने लगा है। लगभग घंटे भर के टहलने के बाद ७ बजे से पहले चाय-नाश्ता कर लेता है। सुबह सुबह ऑनलाइन रेडियो लगा कर हाथ में अख़बार लिए बैठ जाता है, रेडियो के वॉल्यूम का लेवल इतना ऊँचा रखता है कि साथ में रहने वाले मित्र भी उसे अपनी भाषा में तरह-तरह के उपयुक्त शब्दों के बौछार करने लगे है।

ऐसा पहली बार हुआ है जो अमोल इतनी सुबह जागने लगा है| दरअसल अमोल के लिए शादी का रिश्ता आया हैं। लड़की मुस्कान पुणे में रहती है, पेशे से अध्यापक है। पारिवारिक मित्र के सहयोग से इनकी शादी के लिए दोनों के परिवार में बातचीत चल रही है और शादी लगभग तय है। अगले साल के फाल्गुन में लग्न निकालने के लिए पंडित जी से सलाह लिया जा रहा है। तकनीक से परिपूर्ण इस दुनिया में अब तक अमोल और मुस्कान के बीच कोई बातचीत नही हो पाई है, ऐसा नही है कि मोबाइल नंबर मिलने में कोई दिक्कत है, अमोल और मुस्कान दोनों की एक साझा मित्र है मिथलेश जो ऑनलाइन रेडियो पर ‘मीठी के फटके’ नाम से ऑस्ट्रेलिया के लिए कार्यक्रम (शो) होस्ट करती है। फिर भी दोनों ना जाने क्यों बात करने, जज्बात बताने में कतराते है। मीठी से ही अमोल और मुस्कान दोनों एक दुसरे के पसंद-नापसंद, हाल-चाल जानने पहचानने लगे है। मीठी कई बार अमोल को बात करने के बोल चुकी है और नंबर भी दे दिया परन्तु, अमोल के दिल की धड़कने बढ़ जाती है जब भी वो कोशिश करता है कि बात करें।उँगलियाँ मुस्कान के नंबर को डायल करने में ही कापने लगती है, फिर बात करें तो कैसे करें। वैसे तो अमोल को ‘भाबी जी घर पर है’ एपिसोड बहुत पसंद हैं ‘आईपीएल मैच’ के अलावा, पर अब रात को ‘आईपीएल मैच’ के साथ साथ ‘भाबी जी घर पर है’ भी छूटने लगा है। जब से अमोल और मुस्कान के घर वाले इस रिश्ते को और मजबूत बनाने में लगे हुए है और इधर ये दोनों शर्म के कारण अभी हाय-हेल्लो भी नही कर पाए है।

कुछ रोज पहले मीठी ने अमोल से उसके पसंद के गाने की लिस्ट मांगी थी, अमोल ने अग्निपथ फिल्म से ‘चिकनी चमेली.....’, कपूर एंड संस फिल्म से ‘लड़की ब्यूटीफुल.....’, हम आपके है कौन फिल्म से ‘टाइटल ट्रैक’ और ‘दिल से जुदा होकर हम कैसे रह पायेंगे.....’, जवानी दीवानी फिल्म से ‘कैसी तेरी खुदगर्जी’ गानों का एक लिस्ट दे दिया।

उसी रात अमोल को व्हाट्सएप्प पर मीठी का मेसेज मिला, “मेरा कल सुबह का प्रोग्राम सुनों.....”, मेसेज तो १० बजे ही आया था पर अमोल आईपीएल और दोस्तों से बातचीत के बाद उस मेसेज को रात के १ बजे पढ़ पाया, रिप्लाई में वो ‘क्यों, क्या हो गया?’ लिखा। मीठी रिप्लाई नही करेगी, अमोल जानता था क्योंकि मीठी को सात बजे के कार्यक्रम (शो) के लिए सुबह जल्दी जागना होता था इसलिए वो सो गई होगी। कुछ स्पेशल होगा तभी मीठी ने कार्यक्रम (शो) सुनने के लिए मेसेज की है सोचते हुए सुबह पौने सात बजे का अलार्म लगाया और सो गया।

अमोल तो खर्राटे भरते हुए सो रहा था सुबह के पौने सात बजते ही अलार्म बजने लगा। अमोल अभी भी सो रहा था कि उसके एक मित्र ने उसके चूतड़ पर लात मारी और खिसियाते हुए बोले, “अबे कहीं जाना है क्या, जो इतने सुबह का अलार्म लगाया है”। अमोल अलसाए हुए उठा और आँख मलते हुए तरोताजा होने के लिए चल दिया। बाथरूम से आकर फ्रिज से ठंडा पानी निकाला, एक गिलास पानी गटकने लगा।सात बजने में कुछ मिनट बचे थे, अखबार भी आ गया था, अखबार हाथ में लिया, कुर्सी बालकनी में रखकर बैठ गया। मोबाइल में इन्टरनेट रेडियो लगाया, ईयरप्लग कान में लगाया और अखबार पढने लगा।

मीठी का कार्यक्रम ‘मीठी के फटके’ प्रसारित होने वाला था, “दोस्तों, नमस्ते प्रणाम मैं आपकी दोस्त होस्ट सखी सहेली मीठी लेकर आई हूँ मीठी के फटके.... जिसमे हैं मेरे बकबक के अलावा बहुत कुछ.... आज मैं आपको बताउंगी खुश रहने के तरीके इस म्यूजिकल ब्रेक के बाद..... सुनिए आज का पहला गाना माय फेवरेट...

‘फिल्म बागी से ‘मैं नाचूँ छम छम.....’’ और ये गाना बजने लगा। कुछ समय बाद दूसरा गाना ‘फिल्म पतिंगा से ‘मेरे पिया गये रंगून किया है टेलीफून तुम्हारी याद सताती है.....’’ बजा। अमोल मीठी का शो सुनते सुनते चाय बनाने लगा, तीसरा गाना ‘फिल्म सीआईडी से ‘ओ लेके पहला पहला प्यार भरके आँखों में ख़ुमार जादू नगरी से आया कोई जादूगर......’’ इतने में चाय बन चुकी थी और अमोल चाय का प्याला लिए फिर से बालकनी में आ गया। इसके बाद ‘फिल्म फागुन से ‘एक परदेशी मेरा दिल ले गया जाते जाते मीठा मीठा गम दे गया.....’’ बजने लगा| मीठी कोई ऐसी बात नही कर रही थी जिससे अमोल को लगे कि उसे कुछ विशेष लगे। तभी मीठी की आवाज सुनाई देने लगा, “आपके रगो में रोमांस का ख़ुमार चढ़ने लगा होगा, आइये अब सुनते है अग्निपथ से चिकनी चमेली...” और ये गाना बजने लगा।

इसके बाद सारे वही गाने बजे जो अमोल को पसंद थे। शो सुनने के बाद अमोल मुस्कुरा रहा था कि, अमोल का फ़ोन घनघनाने लगा, स्क्रीन पर देखा तो मीठी का नंबर फ़्लैश हो रहा था। हाय हेल्लो और हालचाल होने के बाद मीठी ने जो बताया उसपर अमोल को विश्वास ही नही हुआ।

मीठी ने बताया की ये मुस्कान का आईडिया था कि अमोल के पसंद के गाने चलाये जाए, जिसे वो सुन सके। अमोल कुछ पूछने वाला ही था कि मीठी ने एक और रहस्य से पर्दा उठा दिया, शो के शुरुआत में चलाये गए गाने मुस्कान के पसंद के थे जो उसने अमोल को समर्पित (डेडीकेट) किये थे।

अब अमोल और मुस्कान दोनों हर रोज अपने पसंद के गानों की लिस्ट मीठी को बता देते है और हर दिन की शुरुआत अपने पसंद और अपने होने वाले हमसफर के पसंद के गाने को सुन कर करते है। बातें वो अब भी नही करते..... बस ऐसा है अमोल और मुस्कान का ‘पल भर का प्यार’!



#पल_भर_का_प्यार (‪#‎Momentary_Love), stories with emotion, a new series in my writing skill. ये संग्रह साधारण लड़के/लड़कियों के ज़िंदगी के कुछ छोटे-मोटे पलों को बयां करती है। जिसे पढ़कर शायद आपके चेहरें पर एक छोटी सी मुस्कान आ जाए और आप भी बुदबुदाने लगे, “यार अपने साथ भी कभी ऐसा हुआ था”।

इस संग्रह के किसी भी कहानी को दूसरे कहानी से जोड़कर ना पढ़े, हर एक भाग एक नई कहानी है, किसी भी कहानी का इस संग्रह के दूसरे कहानियों से कोई ताल्लुकात नही है सिवाय प्यार, कुछ नाम और शीर्षक ‘पल भर का प्यार’ के......... और मैं आप मे से कुछ लोगो के उलझन को दूर कर दूँ, इन कहानियों मे से कुछ मेरी खुद की हैं, तो कुछ मेरे दोस्तो की है (जिन्होने मुझसे अपने दिल-ए-हालत साझा किया है), कुछ मेरे दिमाग की उपज है।

#राजेश्वर_सिंह (#RajeshwarSingh)

1 comment:

Looking for your appreciating words!
Thanks in advance!
Rajeshwar Singh;
www.rajeshwarsh.blogspot.com