Sunday, November 4, 2012

रात !!!!

बाहों में जब कटी रात तुम्हारी, रूह खिलखिलाई ।

साँसों से जब मिली साँसे, सारी रात झिलमिलाई ।।




रात !!!!


कृतिकार: राजेश्वर सिंह