Wednesday, February 22, 2012

मुझको है खुद पर ऐतबार

नमस्कार!!!
मै ये कृति भारतवर्ष के राजधानी दिल्ली से लिख रहा हूँ .........



मै इतनी दूर चला जाऊंगा
मै तेरे राह में ना आऊंगा
मुड़ के तुम देखो या ना देखो
मै लौट के ना आऊंगा
ये बात है मेरे दिल में अब भी
तुझे कभी ना मै भूल पाऊंगा

तुझमे ही थी मेरी जिंदगी
लेकिन अब ये हुआ
तुम बिन मै जी रहा हूँ
मै तुम्हारे ख्वाबो से भी खो गया 
पर मुझको है खुद पर ऐतबार
मुझको है खुद पर ऐतबार

ना अब है मुझे तुम्हारा इंतज़ार
पर खुद पर अब भी है ऐतबार 
मै इतनी दूर चला जाऊँगा
कि तुझे याद भी ना आऊंगा
पर मुझको है खुद पर ऐतबार
मुझको है खुद पर ऐतबार

शायद कभी कहीं तुम्हे
मिले मेरी कोई खबर
कर लेना याद बस मुझे
तब मुमकिन हो ये अगर 
पर मुझको है खुद पर ऐतबार
मुझको है खुद पर ऐतबार

मुझको है खुद पर ऐतबार :-
राजेश्वर सिंह

Wednesday, February 8, 2012

ख्वाहिश

Hi I am Rajeshwar Singh from New Delhi, India...........

तुम्हे लिखूं तो क्या??
कैसे लिखू??
बस 
एक लाल गुलाब तुम्हारे लिए.......
ख्वाहिश एक मुलाकात की 
चाहत बस तुम्हे पाने की............